राम मंदिर आंदोलन में चार लाख लोगों ने दिया बलिदान

  
Last Updated:  April 7, 2024 " 04:50 pm"

अपने व्याख्यान में बोले विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन।

स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल की स्मृति में राम मंदिर के नींव के पत्थर विषय पर व्याख्यान संपन्न।

इंदौर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल खंडेलवाल की जन्म जयंती पर उनकी स्मृति में आरएनटी मार्ग स्थित रवींद्र नाट्यगृह में राम मंदिर की नींव के पत्थर विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल स्मृति मंच के दीपांश खंडेलवाल ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता देवपुत्र के पूर्व संपादक कृष्ण कुमार अष्ठाना ने की। श्रीमती सीतादेवी खंडेलवाल भी इस दौरान मौजूद रहीं।

राम मंदिर आंदोलन में चार लाख लोगों ने अपना बलिदान दिया।

मुख्य वक्ता सुरेंद्र कुमार जैन ने राम मंदिर के नींव के पत्थर विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जिस देश की जवानी धर्म के लिए लग जाए उस देश की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता, अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई जिसके माध्यम से भारत के गौरव की, श्रीराम के आदर्शों की पूरी दुनिया में विजय हुई। हिंदुओं को हिंदू कहलाने पर गौरव का अनुभव हुआ, पहले ऐसा नहीं होता था। राम मंदिर आंदोलन दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला आंदोलन था जिसके तहत 500 वर्षों में चार लाख लोगों ने अपना बलिदान दिया। भारत का दुर्भाग्य था कि सरदार वल्लभभाई पटेल बहुत जल्दी चले गए वरना सोमनाथ मंदिर के साथ श्रीराम मंदिर का निर्माण भी जल्द ही हो जाता।

राम मंदिर से राष्ट्र मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त।

श्री जैन ने कहा कि भारत की साख आज विश्व भर में बढ़ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि हमें कोई चुनौती दे सकता है तो वह भारत है। आज दुनिया भारत को टकटकी लगाकर देख रही है राम हमारे हैं, हम राम के हैं। राम भूत भविष्य और वर्तमान है। हमारा भविष्य राम से ही है राम मंदिर से राष्ट्र मंदिर की यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। हमें हर हृदय में राम को बिठाना है।

मंदिर निर्माण में योगदान देने वाला हर व्यक्ति नीव का पत्थर।

उन्होंने कहा कि स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल सहित हर वो व्यक्ति नीव का पत्थर है, जिसने राम मंदिर आंदोलन और मंदिर निर्माण में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपना योगदान दिया है। 1885 से राम जन्मभूमि की लड़ाई लड़ने वाले तमाम अधिवक्ता, कारसेवा के दौरान गोली खाकर अपनी जान देने वाले कोठारी बंधु सहित सैकड़ों कारसेवक, गोधरा में जिंदा जलाए गए कारसेवक, ऐसे लाखों ज्ञात – अज्ञात बलिदानी हैं, जिनकी बदौलत राम मंदिर निर्माण का सपना साकार हो सका।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृष्णकुमार अष्ठाना ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण लोगों की आस्था और अस्मिता का परिचायक है। उन्होंने स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल के साथ अपने संस्मरणों को भी साझा किया।

संस्था के दीपांश खंडेलवाल ने स्वागत भाषण देने के साथ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला, युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष निशांत खरे सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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