व्यवस्था की विसंगतियों को उजागर कर गई बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां

  
Last Updated:  June 8, 2019 " 07:51 pm"

इन्दौर: संस्था मुक्त संवाद के बैनर तले आयोजित तीन दिवसीय हिन्दी – मराठी बाल नाट्य महोत्सव में दूसरे दिन 3 मराठी और 7 हिन्दी नाटकों का मंचन किया गया। अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से बाल कलाकारों ने समाज में व्याप्त बुराईयों की ओर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया वहीं उन्होंने यह संदेश भी दिया कि यदि समय रहते हम जागरुक नागरिक नहीं बने तो भावी पीढी का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। अंधश्रद्धा, शिक्षा का गिरता स्तर, मोबाइल का बढता मोह,राष्ट्रभक्ति, वीरता आदि विषयों को ले कर भी बच्चों ने नाटक प्रस्तुत किए । पुणे की संस्था बाल रंजन केन्द्र द्वारा प्रस्तुत पु ल देशपाण्डे लिखित नाटक “ चितले मास्तर” ने समाज के नैतिक पतन के साथ शिक्षा के गिरते स्तर को गंभीरता से दर्शकों के सामने रखा। बच्चों ने हास्य व्यंग्य के जरिए वर्तमान शिक्षा पद्धति और व्यवस्था पर तंज कसे। ए बी रोड राऊ स्थित एमराल्ड हाईट्स स्कूल के सभागृह में चल रहे इस बाल नाट्य महोत्सव में पुणे की प्रस्तुति के बाद स्थानीय बाल कलाकारों की प्रस्तुतियों का दौर शुरू हुआ। पहली प्रस्तुति थी विभूति कला केन्द्र के हिन्दी बाल नाटक “झांसी की रानी लक्ष्मीबाई“ । डॉली भंवर द्वारा निर्देशित इस नाटक में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बाल्यकाल से युवा अवस्था और फिर उनके शहीद होने तक के प्रसंग को दर्शाया गया । इसके पश्चात प्रयास नाट्य संस्था इन्द्रपुरी के मराठी नाटक “अति तेथे माती” की प्रस्तुति दी गई। युवा निर्देशक दीपांश पुराणिक के इस नाटक में बच्चों पर पढाई के बढते बोझ की समस्या को दर्शाया गया । बच्चों के उपर पढाई का अत्यधिक दबाव उन्हें बीमार बना रहा है । शिक्षक और माता-पिता मिलकर ही बच्चों की इस समस्या का समाधान कर सकते हैं । आज की तीसरी प्रस्तुति थी श्री अहिल्या नाट्य मंडल की भूषण दीक्षित द्वारा निर्देशित मराठी नाटक “ डॉ पोट्फोडे” की । स्कूल जाने में बहानेबाजी करने वाले बच्चे को डॉ इंजेक्शन लगाने का डर दिखाते हैं और फिर उसे प्रेमपूर्वक समझाते हैं कि यदि वह भविष्य़ में अच्छा नागरिक ,अच्छा चिकित्सक बनना चाहता है तो उसे नियमित रुप से स्कूल जाना ही चाहिए । चौथी प्रस्तुति भी अहिल्या नाट्य मंडल के हिन्दी नाटक “ ठगे गए ठगराज” की थी। गांववालों में अंधश्रद्धा का भय बैठाकर साधु और उसके साथी ठगी करते रहते हैं । एक दिन गांव के सेठ की शिक्षित बहू को भी वो अपना शिकार बनाने का प्रयत्न करते हैं । तब सेठ की बहू ठ्गों का ही तरीका अपनाकर उनकी साजिश का पर्दाफाश गांववालों के समक्ष करती है । बाल कलाकारों ने हास्य के जरिए एक गंभीर समस्या को सहजता के साथ प्रस्तुत किया । इसके पश्चात प्रयास नाट्य संस्था के हिन्दी नाटक “छोटा मुंह बडी बात” की प्रस्तुति हुई । सोनाक्षी पाठक के निर्देशन में दी गई यह प्रस्तुति बडो और बच्चों को राष्ट्र भक्ति की सीख दे गई। छटी प्रस्तुति थी श्री देवी अहिल्या मिनी थिएटर के बाल नाटक “ यमराज का न्याय” की । म्रुत्यु उपरांत नरक में पहुंचे मनुष्य़ से यमराज सवाल करते हैं कि उसकी मृत्यु कैसे हुई तब वह जवाब देता है कि सिर्फ एक गलत वोट मेरी मृत्यु का कारण बना , मैने बगैर सोच विचार किए अपराधी और भ्रष्टाचारी चरित्र के व्यक्ति को अपना नेता चुन लिया जिसने आगे चलकर देश की सारी व्यव्स्था को पटरी से उतार दिया अंतत: तमाम परेशानियों को झेल नहीं सकने के कारण मेरी मृत्यु हो गई । तब यमराज उसके बातों की सच्चाई जनने पृथ्वी लोक आते हैं और उसकी कही बातें सच मालूम होती है । एक एक वोट महत्वपूर्ण और कीमती होता है यह संदेश बच्चों ने इस नाटक के माध्यम से दिया । इसके बाद फुलवारी समूह , राधे रिजेंसी के नाटक “साइबर एडिक्शन” की प्रस्तुति हुई जिसमें मोबाइल और इंतरनेट के बढते उपयोग से बच्चों पर पड रहे दुष्प्रभाव को दर्शाया गया । प्रतिभा पाण्डेय के निर्देशन में बच्चों ने अभिनय से प्रभावित किया । इसके बाद वैशाली नगर महिला मंडल के मराठी नाटक “ कर्म हीच पूजा” की प्रस्तुति हुई जिसका निर्देशन श्रीमती अंजलि फाटक ने किया । भगवान विष्णु द्वारा नारद मुनि के गर्व हरण की पौराणिक कथा का चित्रण इस नाटक में किया था । दूसरे दिन की अंतिम प्रस्तुति थी श्री सिद्धि विनायक योग केन्द्र धनवंतरी नगर के नाटक “ योग करे स्वस्थ रहें “ की । श्रीमती सुनयना बुगदे के निर्देशन में बाल कलाकारों ने विद्यार्थी जीवन में योग के महत्व को दर्शाया । बाल कलाकारों ने मंच पर विभिन्न योगासनों का प्रदर्शन करते हुए उसके शरीर पर पडने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार से समझाया ।

बाल नाट्य महोत्सव में 9 जून के कार्यक्रम।

बाल नाट्य महोत्सव के अंतिम दिन 9 जून रविवार को सुबह 11 बजे से प्रस्तुतियां प्रारम्भ होगी । इस दिन 15 बाल नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे जिसमें 9 मराठी एवं 6 हिन्दी बाल नाटक शामिल हैं । इसी दिन शाम 7.30 बजे शहर के वरिष्ठ रंगकर्मियों श्री सरोज कुमार एवं अरुण खळे का सम्मान अतिथियों द्वारा किया जाएगा । लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, देवास के सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी , अभिनेता सचिन व उनकी धर्मपत्नी सुप्रिया अतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे । इसके पश्चात अभिनेता सचिन एवं सुप्रिया की अभिनय यात्रा पर आधारित एक रोचक कार्यक्रम “ गीत गाता चल “ की प्रस्तुति होगी जिसके अंतर्गत पुणे की ख्यात लेखिका एवं एंकर निलिमा बोरवणकर सचिन व सुप्रिया से लाईव इंटरव्यू दर्शकों के समक्ष लेंगी । इंटरव्यू के लिए श्री संजय पटेल ने खास तौर पर प्रश्नावली तैयार की है जिसे सचिन और सुप्रिया से पूछा जाएगा । सचिन पर फिल्माएं गाए गानों की क्लिप भी इस दौरान पर्दे पर दिखाई जाएगी

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