सफलता उनके जीवन में आती है जिनकी आंखों में करुणा व हाथों में सेवा भाव हो- दीदी मां

  
Last Updated:  March 30, 2022 " 04:18 pm"

इंदौर : बांटने में जो आनंद है, वह बटोरने में नहीं मिलता। जो बटोरा जाता है वह विषाद और जो बांटा जाता है वह प्रसाद होता है। जो भीतर से सूना, कंगला और खाली होता है वह बाहर से बहुत संग्रह करने वाला होता है, लेकिन जिसका मन भीतर से भरा होता है वह बाहर बांटने वाला होता है। आनंद का विलोम या विपरीत कोई शब्द नहीं है। सफलता उनके जीवन में आती है, जिनकी आंखों में करुणा, हाथों में सेवा, चराचर में आराध्य के दर्शन के भाव होते हैं। चित्त के भावों को जब शब्द नहीं मिलते, तब वे आंखों से व्यक्त होते हैं। हम सब कलियुग के जीवों को भी भगवान राम ने अपने नाम का आश्रय दिया है। रामचरित मानस को हम जिस दिन आचरण में उतार लेंगे और हमारी संतानों के मस्तिष्क में मानस, गीता और भागवत जैसे ग्रंथों के दिव्य संदेश उतर जाएंगे, उस दिन भारत भूमि पर राम राज्य भी आ आएगा।
दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा देवी ने मंगलवार को अन्नपूर्णा आश्रम परिसर में चल रहे राम कथा महोत्सव में उपस्थित जन सैलाब को संबोधित करते हुए उक्त प्रेरक एवं ओजस्वी विचार रखे। कथा में राम-जानकी विवाह का उत्सव धनुष य़ज्ञ के साथ धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही राम-जानकी विवाह का प्रसंग आया, समूचा पांडाल नाच उठा। हर उम्र के भक्तों ने पुष्प वर्षा कर राम-जानकी बने युगल को फूलों से सराबोर कर दिया।
कथा शुभारंभ के पहले आयोजन समिति की ओर से महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सान्निध्य में अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, श्याम सिंघल, किशोर गोयल, दिनेश मित्तल, कवि मुकेश मोलवा, मनीष बिसानी, अवधेश यादव, मनोज अन्नपूर्णा, मनीष जाखेटिया, नरेश काला, राजेश मित्तल, गोविंद मंत्री, राकेश दांगी आदि ने दीदी मां का स्वागत किया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, परम शक्तिपीठ ओंकारेश्वर की साध्वी साक्षी दीदी, अखंड परमधाम आश्रम खंडवा रोड की साध्वी चैतन्य सिंधु, बजरंग दल के सोहन सोलंकी, पूर्व महापौर डॉ. उमाशशि शर्मा, विहिप के सोहन विश्वकर्मा एवं नंददास दंडोतिया, एकलव्यसिंह गौड़, रमेश धनोतिया, रामदयाल फरक्या आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। संचालन संजय बांकड़ा ने किया। अन्नपूर्णा के निर्माणाधीन मंदिर के लिए ब्रह्मलीन प्रकाशचंद्र सिंघल के परिजनों ने 5 लाख रु., मुरारी शाह ने 5 लाख रु. पवन कुमार घमंडी ने एक लाख रु. दान देने की घोषणा की।
मंगलवार को कथा श्रवण करने वालो में अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंघल, पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण मित्तल, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता आदि भी शामिल थे।

कार सेवकों का सम्मान।

कथा के अंत में इंदौर से अयोध्या पहुंचे उन कार सेवकों का सम्मान किया गया, जिन्होंने 6 दिसम्बर 1992 को कारसेवा की थी। आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों ने कारसेवकों का सम्मान किया। सभी कार सेवकों ने दीदी मां का स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किए। सम्मान समारोह का संचालन कवि मुकेश मोलवा ने किया।

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