समाज में संस्कार स्वाभिमान और संगठन को मजबूत करने का उद्देश्य।
एक जैसी वेशभूषा में निकलेंगी 1 हजार से अधिक मातृशक्ति।
झाँकी के माध्यम से कोरोनाकाल में दिवंगतजनों को देंगे श्रद्धांजलि।
भगवान परशुराम का भव्य रथ रहेगा आकर्षण का केंद्र।
100 से अधिक स्थानों से होगा मंच लगाकर स्वागत।
एंटीक लुक वाली 1 लाख परशुराम प्रतिमाएँ लागत मूल्य पर करेंगे वितरित।
इन्दौर : भगवान परशुराम जयंती पर सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में सर्व ब्राह्मण युवा परिषद् द्वारा 3 मई को शाम 6 बजे बड़ा गणपति से परम्परागत भव्य शोभायात्रा निकली जाएगी। यात्रा ब्राह्मण समाज में संस्कार स्वाभिमान और संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से विगत 21 वर्षों से निकाली जा रही है। इसके आयोजक पूरे 1 हजार परिवार रहेंगे, जिनसे शोभायात्रा के निमित्त 200- 200 रुपये का सहयोग लिया गया है। यात्रा का का नेतृत्व समाज की महिलाएं करेंगी। करीब 1000 से अधिक महिलाएँ एक जैसी वेशभूषा धारणकर ब्राह्मण एकता का संदेश देते हुए चलेंगी। वहीं समाज की युवतियाँ सांफा बांधकर तथा फरसा लेकर चलेंगी। यात्रा में घोड़े बग्गी, बैंड, भजन मंडलियाँ भी सम्मिलित होंगी। शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण भगवान परशुराम का भव्य रथ होगा। इसका स्वागत 100 से अधिक स्थानों से मंच लगाकर किया जाएगा। यात्रा मार्ग
को सजाने के साथ ही आयोजन की सभी तैयारियाँ अंतिम चरणों में हैं। आयोजन में ब्राह्मण समाजजन बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
युवा परिषद के संस्थापक पं. विकास अवस्थी और शोभायात्रा संयोजक पं. संजय मिश्रा ने बताया कि भगवान परशुराम की जयंती पर पिछले 21 सालों से इस परम्परागत शोभायात्रा का आयोजन ब्राह्मण संस्कार, स्वाभिमान तथा संगठन को मजबूत् करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस दिन को हम ब्राह्मण एकता और स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाते हैं। यात्रा का मार्ग गत वर्षों में बड़ा गणपति से राजवाड़ा तक रहा है, लेकिन इस वर्ष स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के चलते उक्त मार्ग अवरुद्ध है। अतः समाज के वरिष्ठों से सलाह लेकर शोभायात्रा बड़ा गणपति से मरीमाता चौराहा स्थित परशुराम प्रतिमा तक ले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत यात्रा बड़ा गणपति से जनता कॉलोनी होते हुए जिंसी चौराहे से शंकरगंज, रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा, गुटकेश्वर मन्दिर के सामने से होते हुए पुलिस पेट्रोल पम्प से मुड़कर मरीमाता चौराहा परशुराम वाटिका पहुंचेगी। यहाँ भगवान परशुराम की प्रतिमा का पूजन एवं महाआरती के साथ यात्रा सम्पन्न होगी।
प्रदेश के कई जिलों से ब्राह्मण समाजजन होंगे शामिल।
शोभायात्रा से मार्गदर्शक पं. लालजी तिवारी, परशुराम महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पं. गोविंद शर्मा, समन्वयक कन्नू मिश्रा ने बताया कि शोभायात्रा को लेकर समाज जनों में उत्साह का माहौल है। इसमें इन्दौर में निवास कर रहे 34 ब्राह्मण वर्ग उपवर्ग के महिला पुरुष उत्साह के साथ सम्मिलित होते हैं। इसके साथ ही शोभायात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेश भर में निमंत्रण बांटे गए हैं। पहली बार ऐसा होगा कि प्रदेश के कई जिलों से ब्राह्मण समाजजन इस यात्रा में सम्मिलित होने के लिए आएंगे। साथ ही उन जिलों के सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष आदि पदाधिकारी भी अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
ब्राह्मण बहुल क्षेत्रों से आएँगे जत्थे।
युवा परिषद के पं. अभिषेक पाण्डेय, लोकेश जोशी व अंकित त्रिवेदी ने बताया कि पूर्व में युवा परिषद द्वारा प्रमुख समाजसेवियों से सहयोग लेकर शोभायात्रा का संचालन किया जाता था। वर्ष 2010 से सर्व ब्राह्मण समाज के 1 हजार परिवारों से दो-दो सौ रुपये का सहयोग लेकर शोभायात्रा निकाली जाती है। इनके नाम भी सोशल मीडिया पर मय रसीद नम्बर सार्वजनिक किए गए हैं। शोभायात्रा को लेकर ब्राह्मण समाज में उत्साह का माहौल है। ब्राह्मण बहुल क्षेत्रों में बैठकों के माध्यम से आमंत्रण दिया गया है। इस कारण से इन ब्राह्मण बहुल क्षेत्रों सुदामानगर, पंचकुइया, मध्यक्षेत्र, राजेंद्र नगर, जूनी इंदौर, संगमनगर, श्रमिक क्षेत्र, तिलकनगर क्षेत्र तथा एरोड्रम क्षेत्र से जत्थों तथा बाइक रैली के रूप में समाजजन शोभायात्रा में सम्मिलित होंगे।
आदिवासी टोली भी होगी शामिल।
शोभायात्रा संयोजक संजय मिश्रा, गोविन्द शर्मा बंगलावाले ओर महासभा के शैलेंद्र जोशी ने बताया कि भगवान परशुराम का जानापाव सहित महेंद्र पर्वत वनांचल क्षेत्रों से गहरा जुड़ाव व जीवन दर्शन रहा है। इसके मद्देनजर उन क्षेत्रों की वनवासी क्षेत्रों की आदिवासी टोली भी शोभायात्रा में शामिल होगी।
सोशल मीडिया के माध्यम से हाइटैक निमंत्रण।
पदाधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा से बड़ी संख्या में समाजजनों को जोड़ने के लिए अनेक कार्यक्रम किये गए। इसमें घर घर जाकर पीले चावल देकर यात्रा में आने का न्यौता भी दिया। इस कार्य की कमान धर्मेन्द्र दुबे, अभय तिवारी, प्रमोद दुबे, संजय तिवारी, विशाल पालीवाल आदि संभाल रहे हैं। इसमें ब्राह्मण सेवा, संस्कार, संगठन तथा स्वाभिमान पर चर्चा करते हुए शोभायात्रा में शामिल होने का न्यौता दिया गया है। वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी निमंत्रण दिये गए हैं। इसी प्रकार कोरोना काल में दिवंगत जनों को भी झांकी बनाकर श्रद्धांजलि दी जा रही है।
1 लाख परशुराम प्रतिमाएँ वितरीत करने का लक्ष्य।
पं. विकास अवस्थी ने बताया कि समग्र हिन्दू समाज में भगवान परशुराम के प्रति एक अलग ही आस्था बनी हुई है। सभी दूर उनकी पूजा भगवान विष्णु के छठें अवतार के रूप में की जाती है। इस बात के मद्देनजर भगवान परशुराम की एंटीक लुक वाली प्रतिमा 1 लाख घरो तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मूर्ति की खासियत है कि इसकी डिजाइन अमेरिका में ख्यात रंगकर्मी अजय मलमकर जी के पुत्र ने नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से तैयार की है।
एक जैसी वेशभूषा में शामिल होंगी 1000 से अधिक महिलाएं।
शोभायात्रा के आयोजन से जुड़ीं परशुराम महासभा महिला प्रकोष्ठ की वर्षा गोविंद शर्मा व मोनिका शर्मा ने बताया कि यात्रा में नारी शक्ति बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी। महिला प्रकोष्ठ ने 1000 से अधिक महिलाओं को जुटाने की तैयारी की है,जो सभी एक समान एक ही रंग की साड़ी पहनकर यात्रा में शामिल होंगी।