पहले से हार्ट संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे राजू श्रीवास्तव और अन्य सेलिब्रिटीज।
नियमित व्यायाम, संतुलित खानपान और जांच करवाते रहने पर जिया जा सकता है सामान्य जीवन – डॉ. पांडे
इंदौर : दिल मानव शरीर का वो सबसे अहम हिस्सा है, जिससे तमाम संवेदनाएं जुड़ी होती हैं। खुशी हो या गम, सुख हो या दुःख, प्यार हो या नफरत, हर तरह के मनोभाव अभिव्यक्त करने का माध्यम दिल को ही माना जाता है। कवि, लेखकों के लिए तो दिल सबसे प्रिय विषय रहा है। बॉलीवुड फिल्में तो बिना दिल के जुड़ाव के पूरी नहीं होती। सैकड़ों गीत दिल को लेकर ही रचे गए हैं। हालांकि चिकित्सा विज्ञान में दिल के मायने अलग हैं। वहां दिल का नासाज होना याने जिंदगी खतरे में पड़ने का संकेत है। हमारे देश में सबसे ज्यादा मौतें दिल का दौरा पड़ने से होती हैं।
चार सेलिब्रिटीज की हाल ही में हो चुकी है मौत।
बीते दिनों कुछ ही महीनों में पार्श्व गायक केके, टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला और दीपेश भान एकाएक दिल का दौरा पड़ने से चल बसे। कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की मौत को अभी कुछ ही दिन हुए हैं। वे भी दिल का दौरा पड़ने के बाद कोमा में चले गए थे, डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें होश नहीं आया और अंततः उनकी मौत हो गई।
आखिर क्या है दिल की बीमारी की वजह, दिल का दौरा क्यों पड़ता है। इसके कारण, उपचार और बचाव को लेकर अवर लाइव इंडिया. कॉम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एचओडी मेडिसिन डॉ. वीपी पांडे से चर्चा की।
शरीर का पंपिंग स्टेशन है दिल।
डॉ. पांडे ने बताया कि मस्तिष्क, फेफड़े, लीवर, किडनी के साथ दिल अर्थात ह्रदय शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह लगातार काम करते हुए शरीर के सभी अंगों को रक्त की आपूर्ति करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है। सही मायने में ह्रदय एक पंपिंग स्टेशन की तरह काम करता है।
रक्तवाहिनियां ब्लॉक होने से पड़ता है दिल का दौरा।
डॉ. पांडे ने बताया कि ह्रदय को भी लगातार काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। इसमें तीन रक्तवाहिनियां उसकी मदद करती हैं। डायबिटीज, व्यायाम में कमी, अनियमित खानपान, अधिक चर्बी युक्त भोजन से ये रक्तवाहिनियां ब्लॉकेज का शिकार होने लगती है, जिससे ह्रदय को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती, इसका असर दिल की कार्यक्षमता पर होता है। इसी का नतीजा दिल के दौरे के रूप में सामने आता है। डॉ. पांडे ने बताया कि अगर दिल को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती तो इसका असर ब्रेन, फेफड़े, लीवर और किडनी को रक्त की आपूर्ति पर भी पड़ता है। ऐसे में कई बार अटैक आते ही तत्काल मौत हो जाती है।
नियमित व्यायाम और सही खानपान जरूरी।
डॉ. पांडे ने बताया कि दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, उनमें रक्त का संचार तेज होता है और दिल की रक्त वाहिनियों में भी खून की आपूर्ति बढ़ती है। इसी के साथ सही व संतुलित खानपान भी आवश्यक है। बीपी, शुगर व ह्रदय की नियमित अंतराल में जांच भी करवाते रहना चाहिए, ताकि हम लंबे समय तक सामान्य जीवन जी सकें।
अति हर चीज की बुरी होती है।
डॉ. पांडे ने बीते दिनों केके, सिद्धार्थ शुक्ला, दीपेश भान और राजू श्रीवास्तव जैसे सेलिब्रिटीज की मौत को वर्कआउट से जोड़ने को गलत बताया। उनका कहना था कि वर्कआउट के दौरान जिन सेलिब्रिटीज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, उन्हें पहले से ह्रदय से जुड़ी कोई न कोई परेशानी रही होगी। उसको वर्कआउट से जोड़ना सही नहीं है। आज भी 80 वर्ष से अधिक उम्र के सैकड़ों बुजुर्ग 42 किमी की मैराथन दौड़ लेते हैं।कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के बारे में डॉ. पांडे का कहना था कि 47 वर्ष की उम्र में उनका ह्रदय का ऑपरेशन हो चुका था। उन्हें दस वर्षों में नौ स्टेंट डाले जा चुके थे। असल बात ये है कि जिन्हें दिल की बीमारी ने जकड़ लिया है, उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह से ही मर्यादित व्यायाम और संतुलित व सही खानपान को अपनाना चाहिए क्योंकि अति हर चीज की बुरी होती है।
सभी को होना चाहिए सीपीआर की जानकारी।
डॉ. पांडे ने बताया कि कई बार हार्ट काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसे में सीपीआर देकर उसकी धड़कनों को लौटाने का प्रयास किया जाता है, अनेक मामलों में इसमें सफलता भी मिलती है। इसकी जानकारी सभी को होना चाहिए। जब भी किसी के साथ इसतरह का वाकया हो, उसे सीधे लिटाकर सीने को हाथों से पंप करना चाहिए। दबाव इतना हो की उसका असर दिल तक पहुंचे, इसी के साथ उसे मुंह से सांस भी देते रहें। इस बीच एंबुलेस बुलाकर उसे निकटतम अस्पताल में ले जाना चाहिए ताकि त्वरित इलाज मिले और उसकी धड़कनों को लौटाया जा सकें।