मिशन शक्तिसैट के लिए इंदौर क्षेत्र की 20 बालिकाओं का चयन

  
Last Updated:  July 10, 2025 " 05:14 pm"

इंदौर में मिशन शक्तिसैट का भव्य शुभारंभ।

इंदौर : “मिशन शक्तिसैट” का आयोजन बुधवार को जाल सभागृह में किया गया, जिसमें देशभर के साथ-साथ इंदौर की बेटियों की भी सहभागिता रही। इंदौर और आसपास के गांव से 20 बालिकाओं का चयन इस अंतरिक्ष मिशन के लिए विजय सोशल वेलफेयर सोसाइटी संस्था द्वारा किया गया है।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कैबिनेट मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, देव विजय कुमार मंडलोई एवं जेडीयू श्रीमती अर्चना चौहान उपस्थित रहे।

इस विशेष कार्यक्रम में इसरो के निदेशक राजीव चटवानी, विज्ञान संप्रेषक तन्मय मुखर्जी एवं मिशन शक्तिसैट की भारतीय एंबेसडर विंग कमांडर जया तारे ने भी अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई। 250 से अधिक छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकों ने कार्यक्रम में सहभागिता की। बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान, एविएशन और भारतीय अंतरिक्ष मिशनों से अवगत कराया गया। विंग कमांडर जया तारे ने मिशन शक्तिसैट के उद्देश्यों तथा आगामी चंद्रयान-26 मिशन में शामिल होने वाले सैटेलाइट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत 108 देशों की 12,000 बालिकाओं को ISRO द्वारा 120 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें वे सैटेलाइट के डिज़ाइन, निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण की बारीकियों को सीख रही हैं। जनवरी 2026 में श्रीहरिकोटा में इस सैटेलाइट की फाइनल असेंबलिंग कर सितंबर 2026 में चंद्रयान-26 मिशन के साथ इसका प्रक्षेपण किया जाएगा।

“सपनों को सैटेलाइट की तरह उड़ान दो” – तन्मय मुखर्जी

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तन्मय मुखर्जी ने बच्चों को इसरो की पहली लॉन्चिंग से लेकर मंगलयान तक की ऐतिहासिक यात्रा को सरल व रोचक भाषा में साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे तीन महिलाओं — रितु करिधल, नंधिनी हरिनाथ और मीनल रोहित ने भारत के मंगल अभियान को सफलता दिलाई।
उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा—
“आप सिर्फ स्कूल की बच्चियाँ नहीं, बल्कि एक्सप्लोरर और क्रिएटर हैं। आत्मविश्वास और सपना — यही असली रॉकेट फ्यूल है।”

ISRO की गौरवशाली यात्रा से प्रेरणा — राजीव चटवानी

इसरो के निदेशक राजीव चटवानी ने इसरो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आर्यभट्ट, चंद्रयान-1, मंगलयान, आदित्य एल-1, चंद्रयान-3 से लेकर भविष्य के गगनयान, चंद्रयान-4 एवं निसार मिशन तक की योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने विशेष रूप से चंद्रयान-3 की सफलता, PSLV-C37 द्वारा एक मिशन में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण तथा मंगलयान की विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाली उपलब्धि को साझा करते हुए कहा, “आप सिर्फ सीख नहीं रही हैं, बल्कि भविष्य की नेता बन रही हैं। आत्मविश्वास ही आपका रॉकेट फ्यूल है, जो आपको नयी ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”

उन्होंने मिशन शक्तिसैट की छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान व कौशल का उपयोग देश व समाज के विकास में करें।

कार्यक्रम का संचालन श्रीमती लिली संजय डाबर ने किया। अंत में विजय सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक माधुरी मोयदे ने सभी अतिथियों एवं उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया।

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