बाल नाटक अलबत्त्या – गलबत्त्या के मंचन पर खूब लगे ठहाके
सानंद फुलोरा के तहत 50 वर्ष पुराने बाल नाट्य की सफल प्रस्तुति। इंदौर : 50 वर्ष पुराने बाल नाटक ‘अलबत्या खलबत्या’ में आज भी इतना आकर्षण है कि 7 वर्ष से लेकर 70 वर्ष की आयु तक के लोगों को यह खूब रोमांचित कर रहा है। प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार रत्नाकर मतकरी ने 1972 में इस नाटक को लिखा था। तब से लेकर अब तक इसके सैकड़ों प्रयोग हो चुके हैं। व्यावसायिक स्तर पर भी इस नाटक ने जबरदस्त सफलता अर्जित और पढ़े