वर्ष 2016 में भले ही बांधवगढ़ में सात बाघों की मौत हुई है लेकिन जाते जाते ये साल खुशियों की किलकारियां भी दे गया। 30 दिसंबर की शाम को ताला रेंज के सीता मंडप के बाद तीन नवजात शावक दिखाई पड़े। इन शावकों को खुद फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक ने देखा।
ये शावक ढाई से तीन महीने के बीच के बताए जा रहे हैं। यानी बाघिन इन शावकों को एक दो दिन के अंदर ही बाहर लेकर आई है। ढाई से तीन महीने के हो जाने पर ही बाघिन शावकों को बाहर निकालती है।
झाड़ियों के बीच से तीन शावक ही स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहे थे लेकिन इनकी संख्या चार भी हो सकती है। सीता मंडप वाली बाघिन के नाम से मशहूर ये बाघिन पिछले कई दिनों से नजर नहीं आ रही थी। पार्क डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन और शावकों की सुरक्षा के लिए फॉरेस्ट गार्डों को निर्देश दे दिए गए हैं।
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