भाजपा ने सीबीआई के उप महानिरीक्षक को ज्ञापन सौंपा

  
Last Updated:  May 5, 2017 " 09:38 am"

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री भूपेन्द्र सिंह और श्री विश्वास सारंग ने आज उप पुलिस महानिरीक्षक सीबीआई (व्यापक प्रकरण) भोपाल को ज्ञापन सौंपते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस महासचिव श्री दिग्विजय सिंह, श्री प्रशांत पांडे, डॉ. आनंद राय और अन्य के विरूद्ध कूटरचित रिकॉर्ड के आधार पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विरूद्ध आरोप लगाने के मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज कर सुसंगत धाराओं में कार्यवाही करने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि इस षडयंत्रकारी भूमिका के पीछे इनका उद्देश्य मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की छवि को मलिन करना रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि दिग्विजय सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि श्री शिवराज सिंह चौहान के कहने पर मध्यप्रदेश पुलिस एसटीएफ द्वारा व्यापमं के नितिन मोहिन्द्रा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ की थी, एक्सलशीट से श्री शिवराज सिंह चौहान का नाम हटा दिया गया। उनके नाम की जगह दूसरा नाम दर्ज कर दिया गया। श्री शिवराज सिंह चौहान की संलिप्तता है और उन्हें आरोपी बनाया जाये। बाद में दिग्विजय सिंह ने एसआईटी में शपथ पत्र पेश किया और पेन ड्राइव पेश करते हुए फिर श्री शिवराज सिंह के विरूद्ध आरोप दोहराया और मुलजिम बनाने की मांग की, लेकिन एसआईटी को दी गई पेन ड्राइव जांच करने पर एसटीएफ ने इसे फर्जी पाया। यह भी रिजल्ट आया कि नितिन मोहिन्द्रा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। प्रशांत पाण्डे द्वारा प्रस्तुत की गई पेन ड्राइव भी फर्जी पाई गई। इस संबंध में जबलपुर उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इसकी पुष्टि की।
ज्ञापन में संदर्भित तीन व्यक्तियों के द्वारा कूटरचित साक्ष्य पेश करने, अकारण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की छवि को मलिन करने के प्रयास किये जाने पर दिग्विजय सिंह, प्रशांत पाण्डे और डॉ. आनंद राय के विरूद्ध धारा 120वी भादवि, धारा 182, धारा 192, धारा 195, धारा 211, धारा 465, धारा 468, 469, 471, 472 ओर धारा 474 भारतीय दंड विधान संहिता के अंतर्गत प्रमाण दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया है कि संदर्भित तीन व्यक्तियों ने जानबूझकर जांच को भटकाने की गरज से व्यापमं मामले में बेबुनियाद, आधारहीन, कूटरचित रिकार्ड के आधार पर आरोप लगा कर जांच विचलित करने का अपराध किया है जो दंडनीय अपराध है।
-भाजपा म.प्र.

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