अनलॉक हुए बाजारों में उमड़ रही भारी भीड़, कोरोना प्रोटोकॉल के पालन में बरती जा रही लापरवाही

  
Last Updated:  June 15, 2021 " 06:15 pm"

इंदौर : 64 दिनों के बाद इंदौर के अनलॉक (Unlock) होते ही लोग बाजारों में टूट पड़े हैं। बीते भयावह दौर से भी लोगों ने सबक नहीं सीखा है। दूसरी लहर में कोरोना ने भारी कहर बरपाया और बड़ी संख्या में मौतें भी हुईं, बावजूद इसके लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। जेल रोड से लेकर राजबाड़ा, सराफा व अन्य बाजारों में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। लोग कोरोना प्रोटोकॉल को भी भूल गए हैं। कई लोग बिना मास्क के भी नजर आए।

शनिवार को तो साफ-सफाई और तैयारियों में ही दुकानदार जुटे रहे मगर सोमवार को जैसे ही बाजार खुले तो खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार को तो इसमें और इजाफा हो गया। दरअसल अभी शादियों के भी कई मुहूर्त हैं, लिहाजा सोना-चांदी, गारमेंट सहित अन्य वस्तुओं की खरीदी शुरू हो गई है। शासन ने भी 40 मेहमानों की अनुमति शादियों के लिए दे दी है। शहर के गार्डन, होटलों में बुकिंग भी लोगों ने इसी हिसाब से की है।

नियमों के उल्लंघन पर की गई चालानी कार्रवाई।

बाजारों में बढ़ती भीड़ देखकर प्रशासन और नगर निगम भी सक्रिय हो गए। 30 से अधिक दुकानें कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के मामले में सील की गईं, तो 750 लोगों के चालान भी मास्क न लगाने पर बनाए गए। लगातार दी जा रही चेतावनी के बावजूद लोग सावधानी बरतने को तैयार नहीं हैं। बड़े पैमाने पर निजी पार्टियां भी घरों, फार्म हाउस और होटलों में चोरी-छुपे शुरू हो गई है।

जेवर गिरवी रखने आए लोग।

सराफा बाजार खुलते ही भीड़ उमड़ पड़ी। बाहर से देखने पर लगा कि लोग शादी-ब्याह की खरीदारी करने उमड़े हैं, लेकिन हकीकत यह थी कि इनमें से 60 प्रतिशत लोग अपने जेवर गिरवी रखने या बेचने के लिए आए थे। यह खुलासा सराफा व्यापारियों ने किया। कोरोना बीमारी भले ही खत्म होती जा रही हो, लेकिन मध्यम और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों में अब इसके आर्थिक साइड इफेक्ट नजर आने लगे हैं। छोटी-छोटी बचत करने वाले लोगों की बचत खत्म होने और तीन महीने लगातार घर में बैठे रहने से लोगों की आर्थिक हालत चौपट हो गई है। वहीं बढ़ती महंगाई ने भी इस वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इसी को लेकर लोग अपने जेवर बेचने सराफा में पहुंचे थे। सराफा सोना-चांदी एसोसिएशन के अविनाश शास्त्री ने बताया कि व्यापारियों से हुई चर्चा के बाद जानकारी मिली कि करीब 60 प्रतिशत लोग जेवर बेचने आए थे। हालांकि इन्होंने 25 से 50 हजार तक की छोटी-मोटी ज्वेलरी ही बेची। कुछ ने चांदी के जेवर भी बेचे, जिनमें पायजेब, कमरबंद और दूसरी रकम शामिल थीं। किसी ने आधा तोला तो किसी ने एक तोला सोना तक बेचा।

मोबाइल मार्केट जेलरोड पर भी भीड़ का नजारा।

शहर में जहां सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई वो इलाका था जेल रोड। गलियों से लेकर मेनरोड तक वाहनों से पट गए। अधिकांश लोग मोबाइल खराब होने से दुरुस्त करवाने आए थे। राजबाड़ा चौक के आसपास के बाजारों में भी खासी भीड़ दिखाई दी, वहीं खजूरी बाजार में स्टूडेन्ट्स और पैरेन्ट्स की भीड़ नजर आई।
शाम को कई बाजारों में भीड़ के चलते जाम जैसे हालात बन गए। वहीं सडक़ों पर खड़े ठेले और सब्जी वालों के कारण भी जाम लगता रहा।

कुल मिलाकर लंबे समय बाद बाजार खुलने से भीड़ उमड़ना लाजमी था लेकिन लोग जिसतरह लापरवाह होकर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए खरीदारी कर रहे हैं, उसने प्रशासन की चिंता जरूर बढा दी है।

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