अमृत योजना के तहत लाया जाएगा नर्मदा का चौथा चरण।
मस्टरकर्मियों का होगा विनियमितिकरण।
बजट में कोई नया कर नहीं।
शहर को सोलर सिटी बनाने का संकल्प।
एआईसीटीएसएल बस सेवा का होगा विस्तार।
अहिल्या लोक का होगा निर्माण।
स्वच्छता, सीवरेज, डिजिटल इंदौर, शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण पर किया फोकस।
इंदौर : महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को पेश किया। नगर निगम इंदौर के वित्तीय वर्ष 2023-2024 के इस बजट में 7473 करोड़ की प्रस्तावित आय और 7341 करोड़ के कुल व्यय सहित रक्षित निधि शामिल करते हुए 88 करोड़ का घाटा दर्शाया गया है। चुनावी वर्ष को देखते हुए बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। जनता से मिले सुझावों को भी बजट में शामिल किया गया है। शहर को सोलर सिटी बनाने के संकल्प के साथ स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंदौर, सीवरेज, शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात प्रबंधन और पर्यावरण पर बजट में फोकस किया गया है। अमृत योजना के तहत नर्मदा का चौथा चरण, मस्टर कर्मचारियों का विनियमितिकरण, एआईसीटीएसएल की बस सेवाओं का विस्तार, अहिल्या लोक का निर्माण और शहरी सीमा क्षेत्र की 400 गेटेड कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट का विद्युत का भार नगर निगम द्वारा वहन किए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है।
ये हैं बजट के खास प्रावधान :-
अमृत योजना 2.0 के तहत जलूद से नर्मदा का चौथा चरण लाने के लिए बजट में 1500 करोड़ का प्रावधान। इससे 2050 तक 900 एमएलडी पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा।
स्वच्छ भारत मिशन के लिए 121 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें वेस्ट टू एनर्जी को प्राथमिकता दी गई है।
इसी के साथ मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन के लिए 30 करोड़,
जीटीएस, प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 12 करोड़,
आईईईसी के लिए 12 और एनजीओ के लिए 14 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
200 टीपीडी क्षमता का सी एंड डी वेस्ट प्लांट स्थापित करेंगे।
06 जीरो वेस्ट वार्ड, आदर्श वार्ड के बतौर विकसित करेंगे।
प्रत्येक वार्ड में 5 बैकलेन संवारने का लक्ष्य।
शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करेंगे।
वायु गुणवत्ता को मापने के लिए प्रमुख चौराहों पर सीएएक्यूएमएस की स्थापना करेंगे।
550 मैट्रिक टन का सीएनजी प्लांट देश के अन्य शहरों के लिए प्रयोगशाला की तरह कार्य करेगा।
डिजिटल इंदौर :-
डिजिटल सिटी के लिए 60 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है।
150 चौराहों पर बनाएंगे वाय- फाय जोन।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 50 लाख का प्रावधान।
सीवरेज :-
बजट में सीवरेज के लिए 1491 करोड़ का प्रावधान।
अमृत योजना 2.0 के तहत सीवरेज और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए 572 करोड़।
कान्ह नदी में मिलने वाले आउटफाल्स टेपिंग के लिए 20 करोड़।
165 किमी लाइनों के संधारण के लिए 20 करोड़।
एसटीपी प्लांट के संचालन, संधारण पर 50 करोड़।
नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 150 करोड़।
मुख्य लाइन से सेकंडरी लाइन को जोड़ने के लिए 274 करोड़।
सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए 30 करोड़ रखे गए हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन योजना के लिए 217 करोड़।
100 किमी में नई सीवरेज लाइन डालने का लक्ष्य।
स्वास्थ्य :-
शहर के सभी 85 वार्डों में योग केंद्र, संजीवनी क्लिनिक और जिमनेशियम का होगा निर्माण।
शिक्षा :-
06 मॉडल स्कूलों का होगा निर्माण।
प्रत्येक जोन में एक मॉडर्न लायब्रेरी का निर्माण।
मेरिट बेस पर तीन छात्राओं को स्कूटी, 5 छात्राओं को लैपटॉप और 10 छात्राओं को साइकिल देंगे।
यातायात प्रबंधन :-
यातायात प्रबंधन के लिए 104 करोड़ का प्रावधान।
22 लेफ्ट टर्न दुरुस्त करने पर 5 करोड़।
प्रमुख सड़कों के निर्माण व संधारण के लिए 510 करोड़।
प्रमुख चौराहों पर महापुरुषों की प्रतिमा स्थापना के लिए 15 करोड़।
सौदार्यीकरण के लिए 06 करोड़।
नए ट्रैफिक सिग्नल के लिए 03 करोड़।
आदर्श मार्ग विकसित करने हेतु 03 करोड़।
शहर के प्रवेश मार्गों के विकास हेतु 05 करोड़।
यातायात विभाजन, लेफ्ट टर्न विभाजन के लिए 03 करोड़ का प्रावधान।
पर्यावरण संरक्षण :-
एक्यूआई इंडेक्स को ठीक करने के लिए 25 स्थानों पर मल्टी व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट स्थापित होंगे।
25 स्थानों पर एक्यूआई सेंटर बनेंगे।
मियाबाकी पद्धति से 5 अहिल्या वन विकसित होंगे।
44 उमंग वाटिका का निर्माण, हर जोन में दो वाटिका।
नदी सफाई, संधारण और विकास के लिए 55 करोड़ का प्रावधान।
ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण पर टैक्स में मिलेगी छूट।
विभिन्न विभागों के लिए ये है बजट प्रावधान :-
जनकार्य विभाग : 877 करोड़।
वर्कशॉप : 236 करोड़।
उद्यान विभाग : 190 करोड़।
विद्युत विभाग और सौर ऊर्जा संयंत्र : 324 करोड़।
प्राणी संग्रहालय : 19 करोड़।
जलप्रदाय विभाग : 743 करोड़।
वार्ड प्लान :-
सभी 85 वार्डों का बनेगा विकास प्लान। सड़क, ड्रेनेज, जल वितरण लाइन, स्टॉर्म वाटर लाइन, बगीचे, खेल मैदान, विद्यालय, खेल मैदान आदि की जानकारी जुटाकर बनाया जाएगा विकास का प्लान।
प्रत्येक वार्ड में ड्रेनेज विभाग के लिए महापौर निधि की सीमा 10 से बढ़ाकर 15 लाख।
जनकार्य विभाग के लिए प्रत्येक जोन पर 26 से बढ़ाकर 50 लाख का प्रावधान।
जनकार्य विभाग में पार्षद निधि भी बढ़ाकर 25 से की गई 35 लाख।
जल व ड्रेनेज विभाग में भी प्रावधान बढ़ाकर किया 35 लाख।
सोलर सिटी का संकल्प :-
सोलर एनर्जी को घरेलू ऊर्जा का मुख्य स्रोत बनाने के साथ इंदौर को सोलर सिटी बनाने के संकल्प की ओर कदम बढ़ाना।
अगले 02 वर्षों में 300 मेगावाट तक सोलर एनर्जी के उत्पादन को पहुंचाने का लक्ष्य।
100 करोड़ की लागत से बनेगा सौर ऊर्जा संयंत्र ।
सौर ऊर्जा संरचनाओं के विकास के लिए 50 करोड़।
सौर ऊर्जा से रोशन होंगे 200 उद्यान।