इंदौर की सड़कों पर निकला झिलमिलाती झांकियों का कारवां

  
Last Updated:  September 29, 2023 " 01:54 am"

झांकियों के चल समारोह को देखने उमड़ी भारी भीड़।

चंद्रयान, विकास, स्वच्छता, पर्यावरण, धार्मिक प्रसंग, छत्रपति शिवाजी महाराज का 350 वा राज्याभिषेक जैसे विषयों पर बनाई गई थीं झांकियां।

30 से अधिक झांकियां शामिल थीं चल समारोह में।

इंदौर : दस दिवसीय गणेशोत्सव की समाप्ति पर अनंत चतुर्दशी (28 सितंबर) की रात झिलमिलाती झांकियों की दमक से जगमगा उठी। गणेश विसर्जन चल समारोह में नयनाभिराम चलित झांकियों की ये परंपरा सबसे पहले 1924 में हुकमचंद मिल से शुरू हुई थी, बाद में अन्य कपड़ा मिलों में भी मजदूरों ने गणेशोत्सव मनाने और अनंत चतुर्दशी पर चलित झांकियां निकालना प्रारंभ कर दिया। वक्त के साथ कपड़ा मिलें तो बंद हो गई पर रोशनाई बिखेरती झांकियों की ये परंपरा बदस्तूर जारी है। पूरी रात ये कारवां निकलता है और इंदौर के बाशिंदे रातभर जागकर इनकी खूबसूरती को निहारने उमड़ पड़ते हैं। इस बार भी यही नजारा शहर की सड़कों पर दिखाई दिया। छह कपड़ा मिलों के साथ खजराना गणेश, आईडीए, नगर निगम और अन्य संस्थानों की 30 से अधिक झिलमिलाती झांकियों का कारवां जब जुलूस मार्ग पर निकला तो इनकी मनोहारी छटा निहारने हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। धार्मिक प्रसंगों के अलावा स्वच्छता, पर्यावरण, चंद्रयान सी, छत्रपति शिवाजी महाराज का 350 वा राज्याभिषेक सहित अन्य विषयों पर भी झांकियां बनाई गई थीं।

श्री गणेश के पूजन के साथ शुरू हुआ झिलमिलाती झांकियों का कारवां।

चिमनबाग चौराहे पर खजराना गणेश की झांकी में श्री गणेश का पूजन कर कलेक्टर इलैया राजा टी, निगमायुक्त हर्षिका सिंह और पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने झांकियों के नयनाभिराम कारवां की शुरुआत की। सबसे आगे खजराना गणेश की झांकियां थीं, उसके बाद आईडीए, नगर निगम,होप टैक्सटाइल्स, कल्याण, स्वदेशी, मालवा,हुकमचंद और राजकुमार मिल की झांकियों के साथ अन्य संस्थानों की झांकियां भी चल रहीं थीं। इनमें स्पुतनिक ट्यूटोरियल, अमरदीप मौर्य, गीता रामेश्वरम ट्रस्ट और अन्य संस्थान शामिल थे।

झांकियों की छटा निहारने उमड़ी भीड़।

जुलूस मार्ग पर झिलमिलाती झांकियों की खूबसूरत छटा निहारने हजारों लोग उमड़ पड़े। कई लोग परिवार सहित इंदौर की इस ऐतिहासिक परंपरा के दीदार करने पहुंचे थे। युवाओं में तो खासा जोश दिखाई दे रहा था। झांकियों की दिलकश छटा को अपने मोबाइल में कैद करने के साथ सेल्फी लेने की भी होड़ सी मची हुई थी। सभी इन खूबसूरत पलों को संजो लेना चाहते थे।

अखाड़ों के कलाकारों ने दिखाए करतब।

झिलमिलाती झांकियों के आगे अखाड़ों के कलाकार पारंपरिक शस्त्रकला के साथ अपने हुनर का प्रदर्शन भी करते चल रहे थे। मार्ग में लगे सैकड़ों मंचों से अखाड़ों के कलाकारों का स्वागत किया जा रहा था। जिला प्रशासन का निर्णायक मंच कृष्णपुरा छतरियों के पास लगा था, जहां निर्णायक समिति के सदस्य विराजमान थे। अहम बात ये रही की अखाड़ों ने अपनी छोटी – छोटी झांकियां भी बनाई थीं, जो आकर्षण का केंद्र रहीं।

सुरक्षा के किए गए थे पुख्ता इंतजाम।

झांकियों के चल समारोह के मद्देनजर समूचे जुलूस मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस के हजारों जवानों को भीड़ को नियंत्रित कर चल समारोह को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए तैनात किया गया था। ट्रैफिक पुलिस ने जुलूस मार्ग से जुड़ने वाले मार्गों पर बेरिकेटिंग कर रखी थी ताकि वाहन जुलूस मार्ग पर न आ सकें। चौराहों पर वॉच टावरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी जा रही थी। कलेक्टर इलैया राजा टी व पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर सहित जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जुलूस मार्ग पर घूम घूम कर हालात का जायजा लेते रहे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *