ख्यात चित्रकार जामिनि रॉय के ड्रॉइंग्स की दो दिनी प्रदर्शनी का आगाज

  
Last Updated:  March 11, 2022 " 02:20 am"

कॉफ़ी टेबल बुक का किया गया विमोचन।

स्व. प्रभु जोशी को समर्पित है यह दो दिवसीय कला अनुष्ठान।

इंदौर : देश के सर्वकालिक महान चित्रकारों में शामिल पद्मभूषण स्व. जामिनी रॉय की ओरिजनल ड्रॉइंग्स से पहली बार रूबरू होने का मौका शहर के कलाप्रेमियों को मिला। गुरुवार को कैनरीज़ फाइन आर्ट्स गैलरी में स्टेट प्रेस क्लब के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में इस दो दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर जामिनी रॉय पर वरिष्ठ फ़ोटो जर्नलिस्ट उमेश मेहता द्वारा तैयार की गई कॉफ़ी टेबल बुक – “जामिनी रॉय : रिट्रेसिंग द लाइन्स” का विमोचन भी किया गया। शहर के वरिष्ठ चित्रकार, साहित्यकार एवं पत्रकार स्व. प्रभु जोशी की स्मृति को समर्पित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
सांसद शंकर लालवानी थे। कॉफ़ी टेबल बुक की फ़ोटोग्राफ़ी एवं निर्मिति करने वाले वरिष्ठ फ़ोटो जर्नलिस्ट उमेश मेहता, वरिष्ठ चित्रकार ईश्वरी रावल, वरिष्ठ कथाकार प्रकाश कांत, वरिष्ठ चित्रकार योगेंद्र सेठी, स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल एवं कैनरीज़ फाइन आर्ट्स गैलरी के क्यूरेटर आलोक बाजपेयी इस मौके पर मंचासीन थे।

कालीघाट पेंटिंग को दुनियाभर में प्रसिद्धि दिलाई।

अपने उद्बोधन में योगेंद्र सेठी ने  जामिनि रॉय की कलाकार बतौर देशभक्ति की और देश की प्राचीन कला परम्पराओं को जीवंत करने में उनके योगदान के बारे में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि वेस्टर्न आर्ट स्टाइल में जामिनि रॉय बड़ा नाम बन चुके तभी बंगाल में स्वदेशी आंदोलन की गूँज प्रारम्भ हुई और  राष्ट्रवादी आंदोलन से दिल से जुड़ाव महसूस करने के कारण उन्होंने वेस्टर्न आर्ट स्टाइल छोड़ दी। वे अपनी जड़ों की ओर, लौटे।कालीघाट पेंटिंग को उन्होंने पूरी दुनिया में प्रसिद्द कर दिया। एक ऐसा कलाकार जिसे 1938 में वाइसरॉय ने सम्मानित किया हो, खुद को “पटुआ” कहलाने में गर्व महसूस करता रहा।

वरिष्ठ चित्रकार ईश्वरी रावल कहा कि जामिनि राय देश के महानतम चित्रकारों में शामिल होने के साथ बीसवीं शताब्दी के महत्‍वपूर्ण आधुनिकतावादी कलाकार थे।पाश्चात्य शैली की कला में अपना मुक़ाम बनाने के बाद उन्होंने की अपनी विशिष्ट कला शैली तैयार की। कालीघाट पेटिंग शैली ने उन्हें सबसे ज़्यादा प्रभावित किया। वे महान चित्रकार अबनिन्द्रनाथ टैगोर के सबसे प्रसिद्ध शिष्यों में एक थे। उन्होंने प्रदर्शनी में शामिल जामिनि रॉय की 25 ड्राइंग्स को विलक्षण एवं भारतीय कला जगत की अमूल्य धरोहर बताया। श्री ईश्वरी रावल ने लैंडस्केप्स के क्षेत्र में दुनिया भर में मशहूर शहर के चित्रकार श्री श्रेणिक जैन की कला शैली की कई महत्वपूर्ण बारीकियाँ भी समझाईं।

बता दें कि श्रेणिक जैन को इस समारोह में “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” दिया जाना था, लेकिन स्वास्थ्य ख़राब होने से वे नहीं आ सके। उन्होंने वीडियो सन्देश के माध्यम से संम्मान हेतु आभार ज्ञापित किया। यह अवार्ड अब उन्हें निवास स्थान पर प्रदान किया जाएगा।

मालवा की संस्कृति का श्रेष्ठ चितेरा थे स्व.प्रभु जोशी।

वरिष्ठ कथाकार, उपन्यासकार प्रकाश कांत ने शहर के सम्मानित चित्रकार – लेखक एवं पत्रकार प्रभु जोशी को याद करते हुए उन्हें मालवा की संस्कृति का श्रेष्ठ चितेरा बताया। उन्होंने प्रभु जोशी की अनेक विधाओं में महारथ को रेखांकित करने के साथ उनसे जुडीं अनेक रोचक बातें भी बताईं। 

कॉफ़ी टेबल बुक तैयार होने में लगे 12 वर्ष।

“जामिनि राय : रिट्रेसिंग द लाइन्स” के फोटोग्राफर एवं प्रोड्यूसर उमेश मेहता ने इस पुस्तक के  तैयार होने में लगे बारह वर्ष के सफर एवं शोध के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि  इस पुस्तक में कई दुर्लभ चित्र भी शामिल  हैं। बहुविध संस्कृति कर्मी आलोक बाजपेयी ने कार्यक्रम का संचालन  करते हुए कहा कि जामिनि राय की ओरिजिनल ड्रॉइंग्स को देखना किसी  भी कलाप्रेमी के लिए यादगार अनुभव है।

स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने कहा कि शहर के कलाप्रेमी एवं विद्यार्थी जामिनि रॉय की ड्राइंग्स को देखकर उनकी शैली और कला प्रक्रिया को बेहतर समझ सकेंगे। ग्यारह मार्च को भी यह प्रदर्शनी सभी कला प्रेमियों के लिए दोपहर बारह बजे से शाम सात बजे तक खुली रहेगी।

प्रारम्भ में प्रवीण खारीवाल, विम्मी मनोज,संजय रोकड़े, सोनाली यादव, शुभा वैद्य, अपर्णा बिदासरिया एवं स्टेट प्रेस क्लब के पदाधिकरियों ने अतिथियों का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर वरिष्ठ चित्रकार वसंत चिंचवड़कर एवं वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा का विशेष सम्मान किया गया। अंत में आभार प्रोफेसर आरके जैन ने माना।

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