गीता सभी तरह के विकारों को नष्ट करने वाला प्रेरक ग्रंथ है- स्वामी प्रणवानंद

  
Last Updated:  December 29, 2020 " 04:21 pm"

इंदौर : गीता के संदेश और उपदेश केवल एक दिन गीता पाठ करने के लिए नहीं, बल्कि अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए हैं। अर्जुन के ज्ञान में गीता के संदेश उतर गए, इसीलिए कुरूक्षेत्र के मैदान में ही उसका मोह नष्ट हो गया। हमारे आचरण में शुद्धता और शुचिता तभी आएगी, जब हम गीता को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ आचरण में उतारेंगे। गीता केवल पूजाघर में लाल कपड़े में बांधकर रखने या न्यायालयों में झूठी कसम खाने के लिए नहीं, अपने जीवन के सभी तरह के विकारों को नष्ट करने के लिए भी प्रेरक और प्रासंगिक ग्रंथ है। गीता घर-घर में होना चाहिए।
ये प्रेरक विचार हैं, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती के, जो उन्होंने मनोरमागंज स्थित गीता भवन में चल रहे 63वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के समापन सत्र में अध्यक्षीय उदबोधन देते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व डाकोर से आए स्वामी देवकीनंदन दास, संत जयप्रकाश दास, भदौही (उ.प्र.) के पं. सुरेश शरण, हरिद्वार से आए स्वामी सर्वेश चैतन्य, नैमिषारण्य से आए स्वामी पुरूषोत्तमानंद, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद आदि ने भी अपने प्रवचन में गीता, रामचरित मानस एवं अन्य धर्मग्रंथों की महत्ता बताई। समापन समारोह में ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन एवं सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी ने सभी आए हुए संतों, दानदाताओं, जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सहयोगी बंधुओं के लिए आभार व्यक्त किया। प्रारंभ में ट्रस्ट की ओर से महेशचंद्र शास्त्री, प्रेमचंद गोयल, गीता भवन हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डाॅ. आर.के. गौड़, ट्रस्ट की सचिव सुश्री प्रमिला नामजोशी, अरविंद नागपाल आदि ने सभी संत-विद्वानों का स्वागत किया। इस अवसर पर देश के विभिन्न तीर्थस्थलों से आए संत-विद्वानों का सम्मान कर उन्हें आगामी गीता जयंती महोत्सव में पधारने का न्यौता देकर विदाई दी गई।

सफाई में पंचम का खिताब दिलाने में सहयोग का संकल्प।

महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने सभी भक्तों को शहर को लगातार पांचवीं बार स्वच्छता के मामले में पूरे देश में अग्रणी बनाने में हरसंभव सहयोग का संकल्प दिलाया।

विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति।

गीता जयंती महोत्सव के साथ ही 23 दिसंबर से आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति भी संतों के सान्निध्य में यज्ञदेवता के जयघोष के बीच संपन्न हुई। इस दौरान जिला प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए भक्तों ने सोशल डिस्टेंस, मास्क एवं सेनेटाइजर का प्रयोग भी किया। मंच का संचालन स्वामी देवकीनंदन दास ने किया।

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