जागरूक रहकर ही बचा जा सकता है साइबर क्राइम से : एडीजी वरुण कपूर

  
Last Updated:  June 11, 2023 " 04:21 pm"

इंदौर : साइबर क्राइम इस समय सबसे बड़ा खतरा बन गया है। यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी के भी साथ घटित हो सकता है। यह अदृश्य दुश्मन है जिसके चंगुल में कोई भी फंस सकता है। यह केवल वित्तीय धोखाधड़ी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न तरीकों से यह आपके समग्र जीवन को प्रभावित करता है। कई बार तो यह जानलेवा सिद्ध होता है, ऐसे में साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा बेहद अहम हो गया है। हम केवल सावधानी बरतकर और जागरूक रहकर ही साइबर क्राइम से बच सकते हैं।

ये बात साइबर सिक्योरिटी के विशेषज्ञ एडीजी वरुण कपूर ने कही। वे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सभागार में डॉक्टर्स के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के 75 वे वर्ष में आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस कार्यक्रम का आयोजन एमजीएम एल्युमनी एसोसिएशन ने किया।

बच्चे साइबर क्राइम का शिकार ज्यादा होते हैं।

एडीजी वरुण कपूर ने कहा कि साइबर क्राइम का शिकार बच्चे ज्यादा होते हैं। दुनिया के किसी कोने में बैठा साइबर अपराधी गेमिंग या अन्य तरीकों से बच्चों को फांस लेता है। गेमिंग के जरिए बच्चे को उसकी लत लगाई जाती है। बाद में उसे ऐसे टास्क दिए जाने लगते हैं, जो उसके लिए कई बार जानलेवा सिद्ध होते हैं। जरूरी है की बच्चों को गेमिंग की आदत से दूर रखा जाए।

अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।

साइबर विशेषज्ञ वरुण कपूर ने कहा कि आपके पास ऐसा कोई कॉल या मैसेज आता है जिसमें kyc अपडेट, एटीएम नंबर या अन्य व्यक्तिगत जानकारी की मांग की जाती है तो भूलकर भी न दें। ये कॉल फर्जी नामों से किए जाते हैं और आपकी जानकारी लेकर आपके अकाउंट से बड़ी राशि निकाल ली जाती है, जिसका आपको पता चलता है, तब तक बहुत देर हो जाती है।

साइबर क्राइम के कई तरीके हैं।

एडीजी वरुण कपूर ने कहा कि साइबर क्राइम के कई तरीके होते हैं। फर्जी प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट, वीडियो कॉल या मालवेयर भेजकर आपकी डिवाइस का एक्सेस हासिल कर लिया जाता है। इसके बाद साइबर अपराधी के लिए डिवाइस को हैक करना आसान हो जाता है।

70 फीसदी फेक होती है सूचनाएं।

एडीजी वरुण कपूर ने कहा कि सोशल मीडिया पर आनेवाली 70 फीसदी सूचनाएं फेक होती हैं। बिना फैक्ट चेक किए ऐसी किसी सूचना या वीडियो को लाइक,फॉर्डवर्ड न करें अन्यथा आप गंभीर संकट में फंस सकते हैं। सोशल नेटवर्किंग अनजाने लोगों के साथ होती है। यहां कही या लिखी गई कोई भी बात आपके लिए खतरा बन सकती है। डिजिटल फुटप्रिंट्स मिटाए नहीं जा सकते।

जागरूक रहें, सावधानी बरतें।

एडीजी वरुण कपूर ने डॉक्टरों और अन्य तमाम लोगों को सचेत करते हुए कहा कि साइबर सिक्योरिटी आपके खुद के हाथ में है। अनजान नंबरों से आनेवाले वीडियो कॉल लेने से बचें।ये आपको ब्लैकमेल करने का जरिया बन सकते हैं। ये युग सूचना का युग है। अपने आपको अपडेट रखें। सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करें। उन्होंने कहा कि हर पोस्ट पर भरोसा करने की अपनी मानसिकता बदलें। अनजानी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। जागरूक रहें।आपके साथ कोई साइबर क्राइम घटित हो भी जाए तो तत्काल साइबर पुलिस की मदद लें। ऐसी कोई तकनीक नहीं है, जिसे ट्रेस न किया जा सके।

दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने दिया। एल्युमनी एसो. के अध्यक्ष डॉ. शेखर राव, डॉ. सतीश शुक्ला और डॉ. तनेजा ने किया। संचालन डॉ. विनीता कोठारी ने किया। आभार डॉ. सुमित शुक्ला ने माना।

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