पूर्व फायर ब्रिगेड अधीक्षक बीएस टोंगर को 4 वर्ष का सश्रम कारावास

  
Last Updated:  February 17, 2023 " 08:28 pm"

प्रमुख अधीक्षक फायर के पद पर फर्जी तरीके से पाई थी नियुक्ति।

इंदौर : पूर्व फायर ब्रिगेड अधीक्षक बीएस टोंगर को अदालत ने 4 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। टोंगर पर फर्जी ढंग से फायर ब्रिगेड अधीक्षक के पद पर नियुक्ति पाने का आरोप था, जिसमें वो दोषी पाए गए। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 16/02/2023 को न्यायालय- संजय गुप्ता, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश , इंदौर ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्‍ल्‍यु )के प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपी बी.एस.टोंगर को धारा 420, 468, 471, 201 भादवि मे 3 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 467 भादवि मे 4 वर्ष कारावास, धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत 4 वर्ष सश्रम कारावास और कुल 6000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पदमा जैन द्वारा की गई।

अभियोजन के अनुसार आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) में आवेदक राम सिंह निगवाल, तत्कालीन फायर निरीक्षक, इन्दौर द्वारा आरोपी बी.एस. टोंगर पिता हट्टी सिंह टोंगर के विरूद्ध पद के योग्य न होने के संबंध में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि बीएस टोंगर तत्समय धारित पद, प्रमुख अधीक्षक फायर, इन्दौर के योग्य न होकर मात्र 10 वीं पास हैं। उन्होंने स्वयं को फायर इंजीनियर बताकर नागपुर फायर इंजीनिरिंग कॉलेज की फर्जी एवं कूटरचित डिग्री प्रस्तुत कर प्रमुख अधीक्षक फायर, इन्दौर का पद हासिल कर लिया। उक्त आरोप प्रथम दृष्टया सिद्ध पाए जाने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में अपराध क्रमांक 19/2003 धारा 420, 467, 468, 471, 201 भारतीय दण्ड विधान एवं 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अन्तर्गत अपराध दर्ज कर अनुसंधान में लिया गया।
अनुसंधान के दौरान आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा आरोपी बी.एस. टोंगर के विरूद्ध लगाए गए आरोपों के संबंध में मूल दस्तावेजी साक्ष्य जब्त कर जांच की तो अरोपी बेन सिंह टोंगर मात्र 10 वीं पास होकर उनका मूल विभाग दिल्ली इलेक्ट्रिकल बोर्ड (डेसू) होना पाया गया, जहां वो एल.डी.सी. (तृतीय वर्ग) के पद पर पदस्थ थे। प्रतिनियुक्ति पर फायर विभाग इन्दौर में आने पर टोंगर ने अपना सर्विस रिकार्ड खुर्द-बुर्द कर नागपुर फायर इंजीनिरिंग कॉलेज की फर्जी एवं कूटरचित फायर इंजीनियर की डिग्री लगाकर प्रमुख अधीक्षक फायर इन्दौर (राजपत्रित अधिकारी) का पद प्राप्त कर लिया, जबकि वह मूल रूप से 10 वीं पास होकर उक्त पद के अयोग्य होना पाया गया। आरोपी बी.एस. टोंगर के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाए जाने से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश इन्दौर के न्यायालय में वर्ष 2013 में चालान पेश किया गया। न्यायालय में विशेष प्रकरण क्रमांक 06/2013 में पंजीबद्ध किया जाकर विचारण में लिया गया। जिस पर से आरोपी को उक्त सजा सुनाई गई।

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