बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं मंत्री तुलसी सिलावट, अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के दिए निर्देश

  
Last Updated:  August 4, 2021 " 12:50 am"

इंदौर : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और बांधों से पानी छोड़ने की स्थिति पर लगातार निगाह रखे हुए हैं। वे अपर मुख्य सचिव और विभाग के प्रमुख अभियंता के साथ सतत रूप से संपर्क बनाकर संभाग स्तर पर अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने मंत्रालय स्थित राज्य आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चा की।
मंत्री सिलावट अतिवृष्टि और बाढ़ की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। प्रति घंटे अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा और विभाग के प्रमुख अभियंता डावर के साथ चर्चा भी कर रहे हैं और विभिन्न संभागों में स्थित बांधों की स्थिति पर भी लगातार निगाह बनाए हुए हैं। सिलावट ने जल संसाधन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सतत रूप से निगाह बनाए रखने के लिए निर्देश दिए हैं। बांधों में पानी के जलभराव और उसके निकासी के लिए सतत रूप से जिला और संभाग स्तर पर अधिकारियों से बात करने के निर्देश भी दिए हुए हैं। जल भराव और बढ़ते पानी की स्थिति को देखते हुए बांधों के गेट खोले जाना है इसके लिए विशेष रूप से जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के लिए कहा गया है। पानी छोड़ने के पहले आसपास के इलाकों से निचली बस्तियों को खाली कराना और उसके लिए अलार्म सिस्टम को भी चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी यदि अतिवृष्टि के कारण बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है तो उसके लिए भी लगातार मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। नहरों की सुरक्षा को भी देखा जाए, टूट फूट होने पर उसकी मरम्मत के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाए रखने पर भी जल संसाधन मंत्री ने जोर दिया है।

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने प्रमुख अभियंता डावर को निर्देश दिए हैं कि राज्य स्तर के कंट्रोल रूम पर 24 घंटे अधिकारियों को तैनात किया जाए और सभी कॉल अटेंड करने के साथ उसके संबंध में क्या कार्रवाई की गई, इसको भी अंकित किया जाए प्रतिदिन की डायरी मेंटेन कर उपलब्ध कराई जाए।

प्रमुख अभियंता जल संसाधन ने बताया कि राज्य स्तर पर सभी प्रमुख बांधों और छोटे बांधों के लिए अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है और आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई हेतु भी कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला और राज्य आपदा केंद्रों के साथ सतत रूप से संपर्क बनाया हुआ है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन के साथ, विभागों के अधिकारियों को भी लगातार संपर्क बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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