महिलाओं और बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं आइएएस के लिए चयनित श्रद्धा गोमे

  
Last Updated:  June 5, 2022 " 09:08 pm"

इंदौर : मेरा बचपन से ही प्रशासनिक सेवा की ओर रुझान रहा है। स्कूल – कॉलेज के दिनों में सामाजिक कार्यों में भाग लेती थी। तभी से तय कर लिया था कि आइएएस अधिकारी बनकर देश और समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकूं। माता – पिता भी चाहते थे कि मैं आइएएस बनूं। मुझे बेहद खुशी है कि कड़ी मेहनत के बाद मेरा आइएएस बनने का सपना साकार हुआ है। ये कहना है यूपीएससी में सफल होकर आइएएस के लिए चयनित हुई इंदौर निवासी श्रद्धा गोमे का। वे अवर लाइव इंडिया. कॉम के साथ चर्चा कर रहीं थीं।

पहले ही प्रयास में पाई कामयाबी।

श्रद्धा ने बताया कि हाईस्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा में वह टॉपर रही थी। बाद में नेशनल स्कूल ऑफ लॉ बंगलुरू से ग्रेजुएशन किया। इस दौरान 15 स्वर्ण पदक भी जीते। यूपीएससी में भी लॉ सब्जेक्ट लेकर ही परीक्षा दी। श्रद्धा के मुताबिक उन्होंने इंदौर में रहकर ही यूपीएससी की तैयारी की। यूपीएससी सिलेबस और पिछले 25 साल के पेपर्स खंगालने के साथ ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से तमाम जरूरी सामग्री जुटाई। मेंटोर के जरिए गाइडेंस लेकर उसका पूरा उपयोग किया। अपना नॉलेज डेवलप किया। नियमित 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। प्रायमरी और मेन एक्जाम पास करने के बाद इंटरव्यू की तैयारी जरूर दिल्ली में 15 दिन रहकर की। अथक मेहनत और सही तरीके से की गई तैयारी का ही परिणाम रहा की पहले ही प्रयास में वे आइएएस के लिए चुनी गई। उन्हें देशभर में 60 वी रैंक हासिल हुई।

यूपीएससी आपके पूरे व्यक्तित्व को परखती है।

श्रद्धा गोमे का कहना था कि यूपीएससी की परीक्षा आपके नॉलेज, समझ, क्षमता और व्यक्तित्व को परखने वाली परीक्षा है। प्रीलिम्स, मेन और इंटरव्यू में आपके व्यक्तित्व के हर पहलू को परखा जाता है। किसी परिस्थिति विशेष को समझने,उसकी पृष्ठभूमि और उससे निपटने में आपकी काबिलियत कैसी है, यह भी देखा जाता है। श्रद्धा के मुताबिक इंटरव्यू में हरतरह के सवाल पूछे जाते हैं। अगर आपको किसी सवाल का उत्तर नहीं आता है तो बजाए गलत जवाब देने के, बता देना चाहिए की आपको उसका उत्तर नहीं पता है, हालांकि जिस विषय को लेकर आपने परीक्षा दी है, उससे जुड़े प्रश्नों के उत्तर नहीं पता होना जरूर आपके लिए निगेटिव मार्किंग का सबब बन सकता है।

महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए काम करेंगी।

श्रद्धा का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी के बतौर वे जहां भी पदस्थ रहेंगी, बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करना चाहेंगी। उन्हें आगे बढ़ने के अवसर मिले, इसपर वे फोकस करेंगी।

गायन, नृत्य और लेखन में है रुचि।

श्रद्धा ने बताया कि उसकी रुचि बचपन से गायन, नृत्य और लेखन में रही है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस और डेक्कन हेराल्ड जैसे अखबारों में समसामयिक विषयों पर संपादकीय लिखे हैं।

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