इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर नमन करते हुए माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निवास स्थित सभागार में भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में किया पौध-रोपण।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उनकी स्मृति में सारिका इंडिका का पौधा लगाया।उन्होंने स्मार्ट सिटी उद्यान में मातृ सेवा समिति, भोपाल के सदस्यों के साथ अशोक और करंज के पौधे भी लगाए। पौध-रोपण में समिति के प्रभाष वर्मा, बन्दो कौर, सुश्री रीता सिंह, सुश्री प्रीति कनोजिया, राजेंद्र सिसोदिया और नमन सम्मिलित हुए। यह समिति महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने की गतिविधियों में संलग्न हैं। समिति ने अब तक दो हजार से अधिक महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई और ब्यूटी पार्लर संबंधी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है।
अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा ने किया था संघर्ष।
जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातु गाँव में हुआ। वे अपने समाज की ब्रिटिश शासकों द्वारा की गई दशा को लेकर चिंतित रहते थे। अपने कार्यों से बिरसा मुंडा अपने क्षेत्र में ‘धरती आबा’ यानी ‘धरती पिता’ हो गए थे। राष्ट्रीय आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाकर देशभक्ति की अलख जगाने वाले ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा को इस क्रम में भगवान माना जाने लगा। अक्टूबर 1894 को भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लगान माफी के लिए आंदोलन किया। वर्ष 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के मध्य युद्ध होते रहे। बिरसा मुंडा के नेतृत्व में मुंडाओं ने अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए। मार्च 1900 में चक्रधरपुर में बिरसा मुंडा एक जन-सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी अंतिम साँस 9 जून 1900 को रांची कारागार में ली थी।