सुमन चौरसिया के संग्रहालय में मौजूद हैं लताजी के गाए 7 हजार गीतों की विरासत

  
Last Updated:  September 27, 2021 " 08:53 pm"

कीर्ति राणा, इंदौर : स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का अब इंदौर आने का मन नहीं करता लेकिन इसी शहर के सुमन चौरसिया के लिए लता जी के मुंबई स्थित घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।इसकी वजह है सुमन का वह ग्रामोफोन रेकार्ड संग्रहालय जिसमें लता जी के गाए 7 हजार गीतों का संग्रह है। इनमें उन गीतों के रिकार्ड भी हैं जो खुद लता जी के निजी संग्रह में भी नहीं हैं।
उन्होंने विधिवत फिल्मों में गाने की शुरुआत 1948 में ‘जीवन यात्रा’ में गाए गीत चिड़िया बोले चूं चूं चूं (संगीतकार बसंत देसाई) से की।इससे पहले 1946-47 में मुंबई के सिगनम कॉलेज के लड़कों ने ‘गौतम बुद्ध’ नाम से बेले का मंचन किया था, इन छात्रों ने उनसे अनुरोध किया था दीदी हम बेले कर रहे हैं आप हमारे लिए चार गाने गा दीजिए। वो चार गाने सुमन के अलावा किसी के पास नहीं।इन क्लासिकल गानों में एक मेलोडी गीत ‘नार नवेली रीत ना जाने, मन की बात छिपाए’ भी था। ये गाने रेडियो पर भी नहीं बजे हैं।।
लता जी सहित अन्य गायकों के गीतों के दीवानों के लिए पिगडंबर में सुमन ने 2007 में लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रेकार्ड संग्रहालय स्थापित किया है। वे 2014 में ‘लता समग्र’ किताब के प्रकाशन के साथ इसे लताजी को भेंट भी कर चुके हैं।लताजी के नाम से स्थापित संग्रहालय में मनपसंद गायकों के गीत सुनने वालों का यहां हर दिन आना-जाना लगा रहता है।इस संग्रहालय में 40 हजार से अधिक ग्रामोफोन रिकार्ड हैं।बॉलीवुड के गीतकार-संगीतकार से लेकर एचएमवी, शेमारु आदि कंपनियों के लिए सुमन का नाम जाना-पहचाना है।
इस संग्रहालय में लताजी द्वारा हिंदी सहित अन्य भाषाओं में गाए 7 हजार गीतों के ग्रामोफोन रिकार्ड उपलब्ध होने की वजह से ही यह तय माना गया कि लताजी ने इतने ही गीत गाए हैं।फिल्मी गीतों की मीमांसा करने वाले अजातशत्रु (आरएस यादव) का कहना है कि इससे पहले तक यह प्रचारित था कि लताजी ने 60 हजार गीत गाए हैं।कानपुर की एक स्मारिका में प्रकाशित इस जानकारी की लोगों ने खोज-पड़ताल कर असलियत सामने रखी तब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड को भी अपना यह दावा वापस लेना पड़ा था।

लता जी ने 30 भाषा में गाए हैं 7 हजार गीत।

सुमन चौरसिया द्वारा लताजी के 93 वें जन्मदिवस पर 28 सितंबर को प्रेस क्लब में शाम 7 बजे आयोजित ‘अंजाने गायक, अनसुने गीत’ कार्यक्रम में गीतों की मीमांसा करने आ रहे अजातशत्रु ने कहा कि उन्होंने 30 भाषा में जो 7 हजार गीत गाए हैं उनमें हिंदी में गाए गीत अधिक हैं।इसके साथ गुजराती में 100, बंगाली में 200 के साथ ही भोजपुरी, मैथिली, तेलुगु, उड़िया, तमिल, पंजाबी. बंगाली, संस्कृत, कोकणी,सिंहली भाषा में गीत गाए हैं।ये सारे गीत सुमन के संग्रहालय में मौजूद हैं।40 हजार ग्रामोफोन रिकार्ड वाले इस संग्रहालय के उदघाटन के लिए उन्होंने लता जी को निमंत्रित भी किया था लेकिन पिछली यात्राओं में हुए कुछ अप्रिय प्रसंगों के बाद से वे तौबा कर चुकी हैं फिर भी सुमन को भेजे आडियो संदेश में उन्होंने गीतों को संग्रहित करने, लायब्रेरी उपक्रम के लिए उनका आभार माना था।मालवा के शास्त्रीय संगीत की याद करते हुए यह भी कहा था कि अमीर खां साहब मेरे भाई हृदयनाथ मंगेशकर के गुरु थे। अमानत खां साहब से 1946 में मैंने भी थोड़े अरसे के लिए सीखा है।

हिंदी फिल्मी गीतों पर रिसर्च करने भी आते हैं।

हिंदी फिल्मों के पुराने-सदाबहार गीत उपलब्ध कराने के लिए एचएमवी कंपनी तो सुमन चौरसिया की मदद लेती ही रही है। गीतों पर रिसर्च करने वाले भी इस संग्रहालय में आते रहे हैं।
शेमारु कंपनी में डिप्टी मैनेजर (मीडिया कांटेंट रिसर्च) गुलाम कुरैशी ने बताया, मुझे जब पता चला कि एचएमवी वाले इनसे गाने लेती रही है तो 2003 में हिंदी फिल्मों के गीतों में हर दशक में बदलते ट्रेंड पर शोध के लिए मैं सुमन दा से मिला, डेढ़ साल उनके घर पर रहा, सारे गाने सुने, रिसर्च किया। उस जमाने में कैसेट-रेकार्ड पर बमुश्किल 5-7हजार गाने उपलब्ध थे, इनके पास तो 40 हजार गीतों का संग्रह है।

सुमन चौरसिया फोटो
रिकार्ड की जानकारी मिलते ही दौड़ पड़ते हैं।

सराफा वाली गली के कोने पर डायरी हाउस (प्रभात किरण वाले सोजतिया परिवार) के ओटले पर वर्षों तक गीतों के दीवानों को कैसेट तैयार कर के देने वाले सुमन चौरसिया की ग्रामोफोन रेकार्ड संग्रह की दीवानगी का आलम यह था कि बस सूचना मिली और ये अपनी दुकान पर ताला लगाकर मुंबई के चोर बाजार, दिल्ली, कोलकाता आदि शहरों के लिए कूंच कर देते थे। कमीज-पाजामा और हवाई चप्पल यह स्थायी पहनावा।शादी समारोह में कोट-पेंट पर भी हवाई चप्पल ही साथ देती रही।इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट दिल्ली में पदस्थ डॉ रैना 90 लाख रु में सारे ग्रामोफोन रेकार्ड खरीदने को तैयार थे लेकिन इस संगीत प्रेमी ने इनकार कर दिया।

प्रेस क्लब सभागार में मंगलवार को ‘अंजाने गायक, अनसुने गीत’

लता मंगेशकर के 93 वें जन्मदिन पर मंगलवार 28 सितंबर की शाम ‘अंजाने गायक, अनसुने गीत’कार्यक्रम में शहर के संगीत रसिकों को पुराने गायकों के गाए 26 गीत सुनने और इन गीतों की मीमांसा अजातशत्रु से सुनने का अवसर मिलेगा।
अध्यक्षता राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन करेंगे। अतिथि सांसद शंकर लालवानी, देवास सांसद महेंद्र सोलंकी होंगे।विशेष अतिथि पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता. गुलाम कुरैशी रहेंगे।लोकार्पित की जाने वाली स्मारिका का संपादन पूर्व विधायक जीतू जिराती ने किया है।

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