इंदौर के शासकीय विधि महाविद्यालय में राष्ट्र विरोधी घटनाक्रम की हो न्यायिक जांच

  
Last Updated:  December 12, 2022 " 11:28 pm"

गृहमंत्री से मिलकर एबीवीपी के प्रतिनिधि मंडल ने रखी मांग।

भोपाल : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मालवा प्रांत का प्रतिनिधि मण्डल शासकीय विधि महाविधालय इंदौर में हुई घटना के सम्बंध में भोपाल जाकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने विधि महाविद्यालय में उजागर हुए राष्ट्र विरोधी मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए गृहमंत्री मिश्रा को ज्ञापन सौंपा।

एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी और मालवा प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान ने बताया कि पिछले दिनों शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय इंदौर में सामने आई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के विरुद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा की गई शिकायत के आधार पर शासन ने जांच समिति गठित की थी। समिति की जांच में यह सिद्ध हो गया कि महाविद्यालय में देश विरोधी कंटेंट पढ़ाया जा रहा था साथ ही अनेक आपत्तिजनक गतिविधियों में कतिपय शिक्षकों की संलिप्तता भी सामने आई। जांच प्रतिवेदन के आधार पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्राचार्य इमामुल रहमान और प्रोफेसर मिर्जा मोजिज को निलंबित किया गया, और अन्य दो शिक्षक फिरोज एवं सुहैल वानी को फालेन आउट किया गया।

पूरे प्रकरण की हो न्यायिक जांच।

एबीवीपी का मानना है कि, जांच समिति द्वारा कई प्रमाणों और बिंदुओं को संज्ञान में नहीं लिया गया और स्वीकार नहीं किया गया। अतः इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करवाई जाए ताकि कसूरवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकें। अन्य प्रमाणों को भी जांच में शामिल करते हुए जांच जल्दी प्रारंभ की जाए। महाविद्यालय में धार्मिक उन्माद फैलाने और राष्ट्र विरोधी सामग्री पढ़ाने के आरोप, जांच कमेटी द्वारा दोषी पाए गए पूर्व प्राचार्य इनामुल रहमान एवं प्रोफेसर मिर्ज़ा मौजिज को इस कृत्य के लिए केवल निलंबित किया गया है। परिषद कि मांग है कि इन्हें तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जाए। दो अन्य शिक्षक फिरोज अहमद मीर एवं सुहैल वानी पर सिर्फ विभागीय कार्रवाई की गई जबकि इन दोनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। इनके अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की भी आशंका है। इसकी भी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

एबीवीपी प्रतिनिधि मंडल ने भोपाल में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से कसूरवार शिक्षकों की पीएचडी डिग्री एवं उसके विषय वस्तु की जांच करने की भी मांग की है। साथ ही प्रदेश के किसी भी महाविद्यालय में हिंदू धर्म के विरुद्ध झूठ प्रचारित करने और राष्ट्र विरोधी कंटेंट उपयोग करने वाली पुस्तक और इस तरह की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने पर जोर दिया। प्रदेश के विधि महाविद्यालयों सहित अन्य महाविद्यालयों के पुस्तकालय हेतु जांच समिति गठित करने की मांग भी उठाई गई।

विवादित पुस्तकों पर लगे प्रतिबंध।

विवादित लेखिका फरहत खान द्वारा लिखी गई अन्य किताबों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और प्रकाशक पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की गई।

प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी, प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान के साथ प्रांत सहमंत्री दर्शन कहार, महानगर मंत्री सार्थक जैन, लक्की आदिवाल सहित प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे।

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