कठोर परिश्रम से बन सका पिपलांत्री आदर्श गांव – पद्मश्री पालीवाल

  
Last Updated:  May 29, 2022 " 07:56 pm"

संस्था सेवा सुरभि और इंदौर प्रेस क्लब ने पर्यावरणविद पद्मश्री पालीवाल का किया सम्मान।

इंदौर : मन में दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प हो तो कुछ भी किया जा सकता है। मैंने सबके सहयोग से राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित पिपलांत्री को ग्राम पंचायत के माध्यम से आदर्श गांव बनाने की कोशिश की, जिसका परिणाम यह है कि आज पिपलांत्री देश ही नहीं, दुनिया के पटल पर है। यह कार्य एक दिन में संभव नहीं हुआ। इसके लिए कठोर परिश्रम, लगन, जुनून का होना जरूरी है। केवल गांव को आदर्श बनाने से काम नहीं चलेगा, जब तक कि वहां के लोग आदर्श नहीं होंगे। मैंने अपने गांव को बहुत सुंदर बनाया, इससे मैं कह सकता हूं कि मेरा गांव ही मेरा सबसे बड़ा तीर्थ है।

ये विचार विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित पर्यावरण के सजग प्रहरी पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल के हैं, जो उन्होंने सामाजिक संस्था सेवा सुरभि और इंदौर प्रेस क्लब द्वारा प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागार में आयोजित सम्मान समारोह एवं संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस मौके पर सांसद शंकर लालवानी, पद्मश्री जनक पलटा, इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, सेवा सुरभि के प्रमुख एवं कार्यक्रम संयोजक ओम नरेडा ने श्री पालीवाल को दुपट्टा और अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया। सम्मान पत्र का वाचन कला समीक्षक संजय पटेल ने किया।

संवाद में साझा किया अपने कार्यों का लेखा – जोखा।

कला समीक्षक संजय पटेल से संवाद करते हुए श्री पालीवाल ने अपने 20 वर्ष के अनुभवों को साझा किया। जिसके माध्यम से उन्होंने अपने गांव पिपलांत्री की काया पलट की। श्री पालीवाल ने कहा कि वर्ष 2005 में मैंने अपनी बेटी किरण की स्मृति में अपने गांव में एक कदम्ब का पौधा रोपा था। यह सिलसिला ऐसा बढ़ा कि आज गांव में कन्या जन्म पर एक नहीं 111 पौधे रोपे जाते हैं। और पूरे गांव में अब हजारों की तादाद में पौधे, पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं। पौधों से बहनों का रिश्ता भाई की तरह जुड़ गया है। अब वे उन्हें राखी पर रक्षासूत्र भी बांधती हैं और उनकी रक्षा भी करती हैं। पिपलांत्री में चारों ओर पत्थर की खदानें हैं। यहां पांच-पांच सौ फिट ऊंचे पहाड़ बने हैं, ऐसे पहाड़ों पर हमने न केवल पौधारोपण किया बल्कि गोचर भूमि को भी बचाया। आज स्थिति यह है कि गांवों में भूजल का स्तर जो कभी 800 से 900 फीट था, अब वह 15-20 फीट पर आ गया है। गांव से पलायन रुक गया। कन्या भ्रूण हत्या बंद हो गई है, बालिका शिक्षा का स्तर बढ़ गया है। पिपलांत्री में हमने जो काम किए हैं, उसे पाठ्यक्रम के रूप में राजस्थान और बंगाल ही नहीं डेनमार्क और जापान तक में पढ़ाया जा रहा है। देश और दुनिया के लोग आज पिपलांत्री को देखने आ रहे हैं और उस मॉडल को अपने यहां लागू भी कर रहे हैं।

मनरेगा के जरिए बचा रहे जल, जंगल, जमीन।

श्री पालीवाल ने आगे कहा कि इतने बड़े कार्य को करने में कई तरह की बाधाएं भी आईं, जैसे सबसे बड़ी बाधा सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण हटाना, जो सबसे बड़ा चैलेंज होता है। लेकिन इस कार्य को हमने संवाद के माध्यम से दूर किया। हमने कई एकड़ भूमि अतिक्रमण मुक्त करवाई, जहां पर आज बड़ी संख्या में सघन पौधारोपण किया गया है। साथ ही पशुओं के लिए गोचर भूमि तैयार की। ग्राम पंचायत और मनरेगा के माध्यम से जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए विभिन्न कार्य हो रहे हैं। हमने तय किया कि न तो मुफ्त में आक्सीजन लेंगे, न पानी और न लकड़ी। इसलिए हर ग्रामीण अपने हिस्से के पौधे लगा रहा है और जल संरक्षण के लिए तालाब बनवा रहा है। कुए बावडिय़ों का गहरीकरण किया जा रहा है। जितनी किसी गांव की आबादी यदि उतने ही गांववासी उतनी संख्या में पौधारोपण कर दें तो पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। श्री पालीवाल ने कहा कि इंदौर ने सफाई के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, उसकी गूंज पूरे विश्व में है, इंदौर को अब सिखाने की जरूरत नहीं है। मैं चाहूंगा कि इंदौर के नागरिक पिपलांत्री में आएं और हमारे काम को देखें। श्री पालीवाल को पर्यावरण पर प्रकाशित सामग्री की किट समाजसेवी विष्णु बिंदल ने भेंट की। इस मौके पर श्री पालीवाल ने प्रेस क्लब परिसर में मोरसली के पौधे का रोपण किया। संवाद कार्यक्रम में शिक्षाविद डॉ. शंकरलाल गर्ग, डॉ. किशोर पंवार, किशोर कोडवानी, पद्मश्री जनक पलटा, कीर्ति राणा, अरविंद तिवारी, प्रवीण जोशी ने भी श्री पालीवाल से पर्यावरण से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने संतोषजनक जवाब दिया।

पालीवाल के अनुभवों का लेंगे लाभ – लालवानी।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि श्री पालीवाल का व्यक्तित्व बहुमुखी है। उन्होंने केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय कार्य किए, जिसकी गूंज संसद भवन से लेकर केबीसी के प्रोग्राम तक हुई। उन्होंने कहा कि इंदौर ने स्वच्छता में तो शीर्ष स्थान पा लिया, अब हमें पर्यावरण और ट्रैफिक में भी नंबर वन आना है और अगर आवश्यकता पड़ी तो हम श्री पालीवाल के अनुभवों का लाभ लेंगे।

प्रदेश में बना रहे नए तालाब।

म.प्र. के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पर्यावरण किसी एक जिले या प्रदेश की नहीं, पूरे विश्व की जरूरत है। इस क्षेत्र में श्री पालीवाल ने एक नई इबारत लिखी है।इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। इसी तरह का कार्य अब हमें अपने प्रदेश में भी करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुसार प्रदेश में 75 तालाब बनाकर आजादी के अमृत महोत्सव को सार्थक करने का कार्य किया जा रहा है।

स्वागत उद्बोधन देते हुए इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि श्री पालीवाल का मालवा से गहरा रिश्ता है इसलिए वे बार-बार इंदौर आते हैं। इंदौर के प्रति उनकी जो आत्मीयता है, वह सराहनीय है। हम चाहेंगे कि श्री पालीवाल इंदौर को भी पर्यावरण में बेहतर बनाने के लिए अपना मार्गदर्शन दें।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। अतिथि स्वागत प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, पर्यावरणविद डॉ. ओ.पी. जोशी, संदीप नारूलकर, ओमप्रकाश नरेडा, कमलेश सेन ने किया। कार्यक्रम का संचालन कला समीक्षक संजय पटेल ने किया। इस मौके पर अतुल सेठ, डॉ. जयश्री सिक्का, आलोक खरे, रामेश्वर गुप्ता, श्याम सुंदर पलोड, डॉ. गौतम कोठारी, अलका सैनी, डॉ. हेतल गर्ग, मोहन अग्रवाल, भारती मंडोले, नारायण अग्रवाल, बंशीलाल पुरोहित, अशोक गोयल, कमल कलवानी, मुकेश तिवारी, लक्ष्मीकांत पंडित, राजीव उपाध्याय, राहुल वावीकर, सुरेश उपाध्याय, दिनेश जोशी, देवीलाल गुर्जर, डॉ. अर्पण जैन, जावेद शाह, सुनील जोशी, अन्ना दुरई, गिरीश सेठ, राजेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। आभार सेवा सुरभि के प्रमुख ओमप्रकाश नरेडा ने माना।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *