करोड़ों के घाटे के चलते पब्लिक- प्रायवेट पार्टनरशिप पर संचालित होगा इंदौर एयरपोर्ट

  
Last Updated:  July 23, 2021 " 05:36 pm"

इंदौर : पिछले साल में 23 करोड़ से ज्यादा घाटे के चलते मध्यभारत के सबसे बड़े इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शीघ्र ही निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा l यह खुलासा लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह के लिखित जवाब से हुआ है। घाटे को पाटने के लिए सरकार पीपीपी मोड पर इस एयरपोर्ट का संचालन करेगी। मंत्री ने सदन को बताया कि, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) ने 19 वीं बैठक में इंदौर, अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, रायपुर और त्रिची हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत निजी कंपनियों को सौंपने की मंजूरी दी है। पिछले तीन साल में एएआइ ने 50 साल के लिए 6 एयरपोर्ट पीपीपी मोड पर दिए।  इनमें अहमदाबाद, जयपुर,  लखनऊ, गुवाहाटी,  तिरुअनंतपुरम और मेंगलुरु एयरपोर्ट शामिल हैं।

इंदौर एयरपोर्ट को ₹23 करोड़ का घाटा।

इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इस वित्तीय वर्ष में 23 करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है। एयरपोर्ट के घाटे का आंकड़ा नगर विमानन मंत्रालय ने जारी किया है। एएआइ के पास देशभर में 136 एयरपोर्ट का स्वामित्व है। इनमें से सिर्फ 10 एयरपोर्ट ही फायदे में हैं।

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