इंदौर : कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कोरोना को लेकर इंदौर में झूठे आंकड़े पेश करते रहे। उन्होंने कहा कि इंदौर का रिकवरी रेट प्रदेश में ज्यादा है, जबकि सच्चाई ये है कि इंदौर में कोरोना से मौतों की दर मुंबई ,दिल्ली और हैदराबाद से भी ज्यादा है।
इंदौर में कोरोना से मरने वालों की दर 4.16% है। जबकि मुंबई में 3.33%, दिल्ली में 2.75% और हैदराबाद में 1.10% है।
सरकार ने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है और उपचुनावों की तैयारी में लग गयी है।
श्री पटवारी बुधवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
कोरोना फैलने के लिए सिलावट जिम्मेदार।
जीतू पटवारी ने शिवराज पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवराज जी कह रहे हैं इंदौर में कोरोना फ़रवरी में फैल गया था।
उस समय उनके पास वर्तमान में मंत्री और उस समय के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट बैठे थे। यदि फरवरी में कोरोना फैल गया था तो फिर उस समय के स्वास्थ्य मंत्री को पास में क्यों बैठा रखा है ,क्यों मंत्री बना रखा है। उन्हें तो मन्त्रिमण्डल से बाहर कर देना चाहिए। कोरोना के फैलाव का कोई जिम्मेदार है तो वो तुलसी सिलावट हैं, जो प्रदेश को लावारिस छोड़ बेंगलुरु के फ़ाइव स्टार रिजॉर्ट में बैठे रहे।
इंदौर की बिगाड़ रहे छवि।
विधायक पटवारी ने आरोप लगाया कि शिवराज, अधिकारियों के कहने पर चल रहे हैं। इंदौर को बदनाम करने का व छवि बिगाड़ने का काम स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने भी किया है।
अंतरराष्ट्रीय विमानतल की जिम्मेदारी केंद्र की।
पटवारी ने सीएम शिवराज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कोरोना अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से फैला ये शिवराजजी कहते हैं, पर उन्हें पता होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट और विमानतल का जिम्मा केंद्र सरकार के अधीन होता है तो यह तो मोदी सरकार की असफलता है , इसमें तत्कालीन राज्य सरकार का क्या दोष ?
माफी मांगे शिवराज..।
सचिवालय को दलालों का अड्डा बना देने के शिवराज के बयान पर जवाबी हमला बोलते हुए पटवारी व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि ढाई महीने में सैकड़ों ट्रांसफर करने वाले उस सचिवालय को बदनाम कर रहे हैं , जिसमें प्रदेश चलाने वाले सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी बैठते हैं, उनको भी दलाल बता रहे हैं। इसके लिये शिवराज जी को माफ़ी माँगना चाहिये।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का 77 दिन बाद का इंदौर दौरा कोरोना को लेकर नहीं सांवेर उपचुनाव को लेकर हुआ है।
मध्यप्रदेश के पंजाब को पीछे छोड़कर गेहूं खरीदी में प्रथम आने का श्रेय पटवारी व अन्य नेताओं ने पूर्व सीएम कमलनाथ को दिया।