गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आसुरी शक्तियों से की कमलनाथ की तुलना।
इंदौर : मंगलवार को इंदौर प्रवास के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सिख समाज के कार्यक्रम में विरोध का सामना करना पड़ा।
दरअसल, गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व पर सिख समाज ने खालसा कॉलेज परिसर में दीवान सजाया था। कमलनाथ अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उसी दौरान कीर्तनी जत्थे में शामिल एक कीर्तनकार भाई मनप्रीत सिंह कानपुरी ने कमलनाथ को बुलाए जाने पर ऐतराज जताते हुए उनका विरोध किया। भाई मनप्रीत का कहना था कि 1984 में हुए सिख नरसंहार के कमलनाथ भी दोषी रहे हैं, ऐसे में उन्हें कार्यक्रम में बुलाया जाना उचित नहीं है। उन्होंने गुरूसिंह सभा के पदाधिकारियों को भी इस बात को लेकर फटकार लगाई।
इंदौर में हुई इस घटना की सियासी प्रतिक्रिया भोपाल से आई। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा कि गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व पर इंदौर के जो खालसा कॉलेज में हुआ वह अत्यंत दुखद है, शर्मनाक है। पहले जिस प्रकार से साधु संतों के यज्ञों में आसुरी शक्तियां विघ्न डालने का प्रयास करती थीं, कमोबेश उसी प्रकार से वहां भी आचरण किया गया है। 1984 के नरसंहार के आरोपियों से उम्मीद भी क्या की जा सकती है।
बता दें कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। उन दंगों में हजारों सिखों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। दिल्ली में भी भारी नरसंहार हुआ था। उस दौरान जिन कांग्रेसी नेताओं के दामन पर सिख विरोधी दंगों के आरोप लगे थे, उनमें कमलनाथ भी शामिल थे, हालांकि उनपर कोई आरोप सिद्ध नहीं हो पाया था।